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अमेरिका की पेट्रियट मिसाइल

अमेरिका और ईरान के बीच तनाव में वृद्धि के बीच पेंटागन ने शुक्रवार को मध्य पूर्व में पेट्रियट मिसाइल डिफेन्स बैटरी और नौसेना के जहाज की तैनाती की मंज़ूरी दे दी है। पेंटागन ने कहा कि “हमारी सेना और हमारे हितो के खिलाफ ईरान की आक्रमक अभियान की तत्परता के प्रतिकार में तैनाती का निर्णय लिया गया है।”

हाल ही में अमेरिका ने मध्य पूर्व में यूएसएस अब्राहम लिंकन कर्रिएर स्ट्राइक ग्रुप और एक बमवर्षक सेना की तैनाती की थी। कार्यकारी रक्षा सचिव पैट्रिक षानहन ने फॉक्स न्यूज़ से कहा कि “पेट्रियट बैटरी लॉन्ग रेंज हैं, सामरिक बैलिस्टक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और आधुनिक एयरक्राफ्ट को ध्वस्त करने के लिए सदाबहार वायु रक्षा प्रणाली है।”

यूएसएस अर्लिंग्टन एक नौसैन्य जहाज है जो पनडुब्बियों, जलीय वाहनों लैंडिंग एयरक्राफ्ट और एयरक्राफ्ट को ट्रांसपोर्ट करता है साथ ही यह जलीय हमले से बचाव में सक्षम होता है। यह रक्षा प्राणबली यूएसएस अब्राहम लिंकन कर्रिएर स्ट्राइक ग्रुप और एक बमवर्षक सेना को मध्य पूर्व में ज्वाइन करेगी।

वांशिगटन ने ईरानी सरकार पर दबाव बनाने के लिए हालिया कदम उठाये हैं। इससे पूर्व अमेरिका ने ईरानी आर्थिक हालातो का फायदा उठाया था और उनकी तेल निर्यात की कमर तोड़कर रख दी थी। अब अमेरिका मध्य पूर्व के सेंट्रल कमांड क्षेत्र में नयी हथियारों की तैनाती कर दबाव में वृध्दि करना चाहता है।

बीते वर्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ साल 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था और देश पर दोबारा सभी प्रतिबंधो को लागू कर दिया था। इसके बाद वांशिगटन ने आठ मुल्कों को ईरानी तेल खरीदने की रिआयत दी थी और छह माह के भीतर इसे शून्य करने की धमकी भी दी थी। हाल ही में अमेरिका ने इस रिआयत को भी खत्म कर दिया है।

पेंटागन ने कहा कि “ईरान एक साथ अमेरिका को संघर्ष नहीं चाहता है लेकिन हम क्षेत्र में अपनी सेना कर हितो की रक्षा के लिए एकदम तैयार है।”

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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