ईरान के आला सुरक्षा संस्था ने मानसिक जंग को खारिज किया है। अमेरिका ने मध्य पूर्व में कैर्रिएर स्ट्राइक ग्रुप और बमवर्षक को भेजने का ऐलान किया था और यह स्पष्ट तौर पर तेहरान को सन्देश था। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने रविवार को कहा कि “अमेरिका मध्य पूर्व में अब्राहम लिंकन कैर्रिएर ग्रुप और बमवर्षक टास्क फाॅर्स की तैनाती करेगा।”
सुप्रीम सुरक्षा परिषद् के प्रवक्ता ने कहा कि “बोल्टन का बयान मानसिक जंग के जले हुई चोट पर अनाड़ी मरहम है। कैर्रिएर मेडिटरेनीयन में हफ्तों पूर्व पंहुच चुका है। अमेरिका के कार्यकारी रक्षा सचिव पैट्रिक षानहन ने कहा कि “उन्होंने कैर्रिएर स्ट्राइक समूह और बमवर्षों को ईरानी सरकार की सेना से खतरे के कारण भेजने की मंज़ूरी दे दी है।”
ईरान के प्रेस टीवी ने कहा था कि “तैनाती अमेरिकी नौसेना की निरंतर अनुसूची का भाग है, बोल्टन बस इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे थे।” ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला खमेनेई के सैन्य सलाहकार ने कहा कि “अमेरिका ईरान पर किसी भी तरह के हमले के न तो इच्छुक है और ही सक्षम है।”
बिर्गेडियर जनरल होसैन देहगन ने कहा कि “ईरान के खिलाफ ऑल आउट जंग के लिए वांशिगटन को क्षेत्रीय देशों और विश्व को मानाने में काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है।” ईरानी अखबार ने व्यापक तौर पर अमेरिका की घोषणा को ख़ारिज किया है और इसे दिखावा और खाली बयानबाज़ी करार दिया है।
ईरान ने बीते हफ्ते कहा था कि “वह ईरानी तेल खरीदने की रिआयत खत्म करने के अमेरिका ने निर्णय के लिए तैयार है।” ईरानी सेना रणनीतिक होर्मुज जलमार्ग को बंद कर सकती है जिससे विश्व के 30 प्रतिशत तेल का निर्यात होता है। बीते हफ्ते डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने कहा कि “वह सभी ईरानी तेल खरीददारों की रिआयत खत्म कर रहे हैं इससे उनका मकसद ईरानी तेल के निर्यात को शून्य करना था।”
अमेरिका ने ईरान के साथ साल 2015 में हुए परमाणु समझौते को तोड़ दिया था। इसके बाद ट्रम्प प्रशासन ने ईरानी रेवोलूशनरी गार्ड्स को भी विदेशी आतंकी संगठन का दर्जा दे दिया था। अमेरिका के प्रतिकार के लिए ईरान परमाणु कार्यक्रम की शुरुआत कर रहा है लेकिन अभी उसकी समझौते से बाहर निकलने की कोई योजना नहीं है।