अमेरिका अपने महान दोस्त और साझेदार भारत के ईरान पर तेल प्रतिबंधों पर सहयोग से बेहद संतुष्ट है। व्हाइट हाउस ने बुधवार को विदेश मन्त्री जावेद जरीफ पर प्रतिबन्ध थोप दिए थे और इससे तेहरान के साथ तनाव काफी बढ़ गए थे। अमेरिका ने ईरान पर विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों को लागू किया है।
भारत महान दोस्त और सहयोगी
आला अधिकारी ने कांफ्रेंस में पत्रकारों से कहा कि “हम अपने महान दोस्त और साझेदार भारत के सहयोग से बेहद संतोषजनक है। अमेरिका, चीन जैसे उन देशों से भी संतुष्ट है जिसने हमारा अच्चा तालमेल नहीं है लेकिन उन्होंने कारोबारी साझेदार के रूप में ईरान की बजाये अमेरिका का चयन किया है।”
भारत ने ईरान के साथ ऊर्जा जरूरतों को कम कर शून्य कर दिया था और अमेरिका के साथ सहयोग के रास्ते पर वापस आ गए थे। भारत ने ईरान से तेल आयात को शून्य कर दिया था। भारत और ईरान के बीच संस्कृतिक और ऐतिहासिक सम्बन्ध है।
सूत्र की सूचना के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि “जुलाई तक ईरान का तेल निर्यात 100000 प्रतिदिन बैरल था और यह ऐतिहासिक स्तर पर नीचे गिरकर 781000 पर आ गया था।” अधिकारीयों ने इसके लिए ट्रम्प प्रशासन को श्रेय दिया था और ईरान व्यापार साझेदार बनने के लिए शर्त रखने के लिए बेहद छोटा है।
अमेरिका भारत के सहयोग की सराहना करता है और भारत की वैध उर्जा जरुरत के प्रति सावधान है। अधिकारी ने कहा कि “हम एक प्रमुख ऊर्जा उत्पादक के तौर पर बेहद खुश है कि हम वैश्विक बाज़ार में तेल सप्लाई में योगदान देते हैं, जिससे भारत में ऊर्जा की सप्लाई को बरक़रार रख्सा जा सके।”
एक आला प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि “समस्त विश्व में अमेरिकी अधिकारी सावधानी पूर्वक सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे सभी साझेदार, सहयोगी और कंपनी प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के परिणामो को समझ जाए।”