अमेरिका (america) ने शुक्रवार को कहा कि ईरान (iran) को कूटनीति का जवाब सैन्य ताकत के साथ देने का कोई अधिकार नहीं है। हाल ही में तेहरान ने अमेरिका के मानवरहित जासूसी ड्रोन को मार गिराया था। ईरान में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि ब्रायन हुक ने सऊदी अरब में पत्रकारों से कहा कि “हमारी कूटनीति ईरान को सैन्य बल के साथ जवाब का अधिकार नहीं देती है।”
उन्होंने कहा कि “ईरान को कूटनीति का जवाब कूटनीति से देना चाहिए न कि सैन्य बल का प्रदर्शन करना चाहिए।” ईरान ने कहा है कि उसके पास अविवादित सबूत है कि अमेरिकी जासूसी ड्रोन ने हमारे हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था। अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रम्प ने पहले ईरान पर हमले को मंज़ूरी दे दी थी और उसके बाद निर्णय वापस ले लिया था।
वांशिगटन ने जोर देकर कहा कि निशाना लगाए जाने के दौरान उनके मानवरहित ड्रोन अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग पर उड़ान भर रहा था लेकिन ईरान के अनुसार ड्रोन उनकी सरहद को पर कर चुका था। हाल ही में सिलसिलेवार टैंकरों पर हमले के बाद तनाव काफी बढ़ गया है।
अमेरिका ने तेल टैंकरों पर हमलो का आरोपी ईरान को ठहराया है। सऊदी अरब और ब्रिटेन ने भी अमेरिका के आरोपों का समर्थन किया था।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ने शुरुआत में ईरान पर मिसाइल और रडार से हमले को मंज़ूरी दे दी थी। इस निर्णय को अमेरिका के राष्ट्रपति के आला सरक्षा अधिकारीयों और कांग्रेस के नेताओं के बीच गहन चर्चा के लिए लिया गया था।
अभियान शुरूआती चरण में था, जहाज अपनी पोजीशन ले चुके थे और विमान हवा में थे लेकिन गुरूवार को रात में अचानक इस निर्णय को वापस ले लिया गया था।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “मैं किसी जल्दबाज़ी में नहीं हूँ। हमारी सेना पुनर्निर्मित, नयी और तैयार है और यह विश्व की सबसे बेहतरीन सेना है। प्रतिबन्ध उन्हें काट रहे हैं और बीती रात मजीद लगा दिए गए हैं। ईरान के पास कभी परमाणु हथियार नहीं हो सकते हैं, न ही अमेरिका और न विश्व के खिलाफ कुछ कर सकता है।”