अमेरिका (America) और ईरान (Iran) के बीच खाड़ी में तेल टैंकरों पर हमले से तनाव काफी बढ़ गया है। अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने कहा कि “अमेरिका ईरान को मात देने के लिए सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है इसमें सैन्य हमला भी शामिल है।”
माइक पोम्पिओ ने टीवी इंटरव्यू में कहा कि “अमेरिका सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है। हमने राष्ट्रपति को कई बार इस मामले पर इत्तलाह किया है, हम उन्हें इसके बाबत सभी जानकारी को देते रहेंगे। हमें विश्वास है कि हम कुछ कार्रवाई कर सकते हैं जो निवारक हो सकता है किसके लिए यह मिशन शुरू किया गया था।”
पोम्पिओ ने सुझाव दिया कि वांशिगटन ईरान के साथ जारी तनाव को मजीद बढ़ने से रोकना चाहता है। फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि “इस जंग को नजरअंदाज करने के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प ने सभी पैंतरों को आजमाया है। रविवार को टीवी इंटरव्यू में पोम्पिओ ने ज़ोर देते हुए कहा कि “अमेरिका के कथन से वांशिगटन ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अवगत करा दिया है कि गुरूवार को होर्मुज के जलमार्ग के नजदीक दो तेल टैंकरों पर ईरान ने ही हमला किया था।
ईरान ने इस हमले में शामिल होने के आरोपों को इंकार किया है और अमेरिका पर अपने खिलाफ नकारात्मक अभियान को हवा देने का आरोप लगाया है। बीते हफ्ते दो तेल टैंकरों पर हमला किया गया था। इस वारदात के बाद अमेरिका ने दावा किया कि “इस हमले में तेहरान का हाथ है।”
इस दावे का समर्थन करते हुए अमेरिका ने एक ब्लर वीडियो जारी की थी जिसने ईरान के इस्लामिक रेवोलूशनरी गार्ड्स हमला हुए एक टैंकर में से विस्फोटक सामग्री को बाहर निकाल रहे थे। ब्रिटेन ने बयान में कहा कि बीते माह फ़ुजैराह के तट पर चार टैंकरों पर हुए हमले के लिए ईरान जिम्मेमदार है।
विश्व के एक तिहाई तेल का कारोबार होर्मुज के जलमार्ग से ही होता है। यह तट ईरान के उत्तरी सीमा को ओमान की कड़ी से जोड़ता है।