अमेरिका ने ऐलान किया कि वह मध्य पूर्व मे 1500 अतिरिक्त सैनिको की तैनाती रक्षात्मक कार्रवाई एक लिए कर रहा है। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने शनिवार को अमेरिका के इस कदंम को वैश्विक शांति के लिए निहायत खतरनाक करार दिया है।
जावेद ज़रीफ़ ने कहा कि “अमेरिका तेहरान के खिलाफ बेबुनियादी आरोप लगा लगा रहा है ताकि वह देश के प्रति अपनी आक्रमक नीति को जायज ठहरा सके। अमेरिका का यह कदम पर्शियन गल्फ क्षेत्र में सिर्फ तनाव को बढ़ाएगा।”
शुक्रवार को प्रेस ब्रीफिंग में पेंटागन के अधिकारीयों ने कहा कि “करीब 600 सैनिको को पेट्रियट बैटरी के साथ क्षेत्र में पंहुच चुके हैं। और शेष 900 सैनिको को रडार और ड्रोन निगरानी के लिए रखा गया है।” अमेरिका और ईरान के बीच संघर्ष चरम पर है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष साल 2015 में ईरान और अन्य वैश्विक ताकतों के साथ हुई संधि को तोड़ दिया था ताकि ईरान की सरकार को परमाणु कार्यक्रम बंद करने के लिए मज़बूर कर सके। अमेरिका ने ईरान के समक्ष बातचीत का प्रस्ताव रखा था लेकिन ईरान ने इसे ठुकरा दिया था।
अमेरिका ने शुक्रवार को सऊदी अरब, जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात को 8.1 अरब डॉलर के हथियार भेजने की मंज़ूरी की आधिकारिक पुष्टि कर दी है।
राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने ट्वीट कर कहा कि “कांग्रेस के द्वारा प्रदान किये गए अधिकारों के तहत हम कार्य कर रहे हैं। हम एआरएम एक्सपोर्ट कंट्रोल एक्ट के तहत के तहत आधिकारिक तौर पर कांग्रेस को सूचित करते है कि हम जॉर्डन, सऊदी अरब और यूएई को 22 हथियार बेच रहे हैं।”
अमेरिका मध्य पूर्व में सपने सैनिको की स्नाख्या में इजाफा कर रहा है। हाल ही में वांशिगटन ने यूएई के तट पर एक युद्धपोत और बी-52 बमवर्षक की तैनाती की थी।