ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शनिवार को कहा कि ईरान को अमेरिकी प्रतिबंधो विरोध करना होगा और यह तेल और अन्य उत्पादों के निर्यात को जारी रखकर ही संभव है। ईरानी टीवी पर हसन रूहानी के बयान को लाइव प्रसारित किया गया था।
एक दिन पूर्व ही वांशिगटन ने ईरान को यूरेनियम का उत्पादन और न्यूक्लियर पावर प्लांट के विस्तार को बंद करने के लिए मज़बूर किया था। अमेरिका ने बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को रोके और क्षेत्रीय ताकत को कुचलने के लिए अभियान को तेज़ कर दिया है।
हसन रूहानी ने कहा कि “अमेरिका हमारे विदेशी भण्डार को कम करने की कोशिश कर रहा है इसलिए हमें अपनी नोटों की आय को बढ़ाना होगा और मुद्रा के व्यय में कटौती करनी होगी। बीते वर्ष हमने 43 अरब का गैर तेल उत्पादों का निर्यात किया था और हमारे तेल के खिलाफ अमेरिका की योजना का विरोध किया था।”
शुक्रवार को हसन रूहानी ने अमेरिकी प्रतिबंधो के बावजूद ईरानी तेल खरीदने के लिए राज़ी देश के बाबत सीधे तौर पर जानकारी साझा नहीं की है। बीते हफ्ते अमेरिका ने ऐलान किया कि वह ईरानी तेल खरीदने की आठ देशों को दी गयी रिआयत को खत्म कर रहे हैं।
अमेरिका ने नवंबर में आठ देशों को ईरान से तेल खरीदनेके लिए छह माह की रिआयत दी थी जो 1 मई को खत्म हो गयी है। इस छूट को आगे बढ़ाने का अमेरिका का कोई इरादा नहीं है। ईरान की सरकार पर दबाव को बढ़ाने के लिए अमेरिका ईरानी तेल की खरीद को शून्य करना चाहते हैं।
हाल ही में अमेरिका ने ईरान की रेवोलूशनरी गार्ड्स को विदेश आतंकी संगठन घोषित कर दिया था जिसके प्रतिकार में ईरान ने भी अमेरिका की सेना को मध्य पूर्व में आतंकी का दर्जा दिया था। अमेरिका ने साल 2015 में हुई ईरान के साथ परमाणु संधि को बीते वर्ष तोड़ दिया था।