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    डोनाल्ड ट्रम्प

    अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है और शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “वह मध्य पूर्व में 1500 अतिरिक्त सैनिको की तैनाती रक्षात्मक कार्रवाई के लिए करेंगे। हम काफी कम संख्या में सैनिको को वहां भेज रहे हैं। हम देखते हैं क्या होता है।”

    अमेरिका के कार्यकारी रक्षा सचिव पैट्रिक शाहन ने ट्विटर पर कहा कि “ईरान की तरफ से विश्वसनीय खतरों की प्रतिक्रिया में यह कदम उठाया गया है और साथ ही ऐलान किया कि तैनाती के बाबत पेंटागन ने कांग्रेस को सूचित कर दिया है।”

    शुक्रवार को प्रेस ब्रीफिंग में पेंटागन के अधिकारीयों ने कहा कि “करीब 600 सैनिको को पेट्रियट बैटरी के साथ क्षेत्र में पंहुच चुके हैं। और शेष 900 सैनिको को रडार और ड्रोन निगरानी के लिए रखा गया है।”

    इसके जवाब में इस्लामिक रेवोलूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स ने कहा कि “अमेरिका के द्वारा क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिको की तैनाती देश को भयभीत नहीं कर सकती है।” अमेरिका ने शुक्रवार को सऊदी अरब, जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात को 8.1 अरब डॉलर के हथियार भेजने की मंज़ूरी की आधिकारिक पुष्टि कर दी है।

    राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने ट्वीट कर कहा कि “कांग्रेस के द्वारा प्रदान किये गए अधिकारों के तहत हम कार्य कर रहे हैं। हम एआरएम एक्सपोर्ट कंट्रोल एक्ट के तहत के तहत आधिकारिक तौर पर कांग्रेस को सूचित करते है कि हम जॉर्डन, सऊदी अरब और यूएई को 22 हथियार बेच रहे हैं।”

    विश्वनीय ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पर्शियन गल्फ में ईरान छोटी नावों में मिसाइल भर रहा था। ट्रम्प प्रशासन ने पश्चिमी एशिया में अपनी सैन्य मौजूदगी में काफी इजाफा किया है। हाल ही में एक जंगी विमान और बी-52 बमवर्षक, एंटी मिसाइल डिफेन्स सिस्टम और एक युद्धपोत की तैनाती की मंज़ूरी दी थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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