Mon. Nov 18th, 2024
    japanese pm and iranian prez

    जापान (Japan) के प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) अमेरिका (America) और ईरान (Iran) के मध्य जारी संघर्ष के दौरान मध्यस्थता के लिए तेहरान की यात्रा पर गए हैं। उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति से मुलाकात के वाद बुधवार को मध्य पूर्व में अनायास ही संकट की चेतावनी दी है। अमेरिका के सहयोगी जापान के ईरान के साथ भी अच्छे कूटनीतिक सम्बन्ध है। ईरान और अमेरिका के बीच मध्यस्थता के लिए जापान एक बेहतर स्थिति में हैं।

    जापानी नेता ने कहा कि “किसी भी कीमत पर सैन्य संघर्ष के बचाव की जरुरत है। मध्य पूर्व में शान्ति और स्थिरता आवश्यक है न सिर्फ इस क्षेत्र के लिए बल्कि वैश्विक समृद्धता के लिए जरुरी है। कोई भी युद्ध की उम्मीद नहीं कर रहा है। हम तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।” साल 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद यह किसी जापानी नेता की पहली यात्रा है।

    शिजो आबे ने जापान द्वारा ईरानी तेल की खरीद को रद्द करने के बाबत नहीं बताया है। ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि “जापान ईरानी तेल को खरीदते रहना चाहता है। बैठक के दौरान आवे ने कहा कि वह ईरानी तेल खरीदने में रूचि रखते हैं।”

    हाल ही में दो ईरानी अधिकारीयों ने रायटर्स से कहा कि तेहरान ने टोक्यो से वांशिगटन और तेहरान के बीच मध्यस्थता करने को कहा और ईरान पर लगे तेल प्रतिबंधों को खत्म करने के लिए कहा था। एक अधिकारी ने कहा कि “यह तो अमेरिका को तेल प्रतिबंधों को हटा देना चाहिए ता रियायत देनी चाहिए या रद्द कर देने चाहिए।”

    अमेरिका में मई में ईरानी तेल खरीदने की कुछ देशों को दी रिआयत को खत्म कर दिया था। अमेरिका ने धमकी दी थी कि या तो ईरान से तेल सौदेबाज़ी बंद कर दे या प्रतिबंधों को झेलने के लिए तत्पर रहे।  बीते माह जापान की यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के सौदेबाज़ी में आबे की मदद का स्वागत किया था।

    अमेरिका ने बीते वर्ष साल 2015 में ईरान और वैश्विक ताकतों के बीच हुए संधि को तोड़ दिया था और ईरान पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था। हसन रूहानी ने कहा कि “ईरान हमेशा समझौते के प्रति प्रतिबद्ध रहेगा जो क्षेत्र और विश्व की सुरक्षा के लिए जरुरी है। तेहरान और टोक्यो दोनों परमाणु हथियारों का विरोध करते हैं।”

    ईरान ने किसी भी सैन्य आक्रमकता के खिलाफ चेतावनी दी थी। रूहानी ने कहा कि “ईरान भी जंग में पहल नहीं करेगा लेकिन आक्रमकता का जवाब बेहद भयावह तरीके से देगा। तनाव का स्तरों ईरान के खिलाफ अमेरिका की आर्थिक जंग है। जितनी जल्दी यह जंग खत्म होगी, हम क्षेत्र और विश्व में सकारात्मक विकास करेंगे।”

    आबे ने अमेरिका के क्षेत्रीय सहयोगियों इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से बातचीत की थी जो ट्रम्प की ईरान पॉलिसी के समर्थक है। टोक्यो वापस जाने से पूर्व आबे ने कहा कि “मध्य पूर्व में शान्ति और स्थिरता के लिए जापान अधिकतम करने का प्रयास करेगा।”

    आबे की ईरान यात्रा से कुछ घंटो पूर्व यमन में ईरान समर्थिती हौथी विद्रोहियों ने सऊदी के नागरिक एयरपोर्ट पर मिसाइल हमला किया था जिसमे 26 लोग घायल हुए थे। यमन में हौथियों से युद्ध कर रहे सुन्नी मुस्लिमों के गठबंधन ने कहा कि यह हमला तेहरान के सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करने का सबूत है।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *