अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव से सोची में मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान माइक पोम्पिओ ने कहा कि ईरान के साथ मूल रूप से अमेरिका कोई जंग की इच्छा नहीं रखता है। अमेरिका और ईरान के बीच राजनयिक तनाव उच्च स्तर पर है।
अमेरिकी-ईरानी तनाव
अमेरिका ने ईरान की रेवोलूशनरी गार्ड्स को विदेशी आतंकी संगठन का दर्जा दे दिया था और इसके बाद ईरान का तेल खरीदने के लिया अन्य देशों को रिआयत न बरतने का ऐलान किया था। डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान और अन्य वैश्विक ताकतों के साथ साल 2015 में हुई परमाणु संधि को बीते वर्ष तोड़ दिया था और ईरान पर दोबारा सभी प्रतिबंधों को थोप दिया था।
अमेरिकी और रुसी अधिकारीयों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा ही थी। दोनों पक्षों के मध्य इस दौरान द्विपक्षीय और वैश्विक मसलो पर व्यापक स्तर की चर्चा हुई थी। लावरोव से बातचीत के बाद माइक पोम्पिओ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे।
अमेरिका जंग नहीं चाहता
सोची में संयुक्त बयान के दौरान कहा कि “हम मूल रूप से ईरान के साथ कोई जंग नहीं चाहते हैं। हम सरकार से सुगमता से समस्त यूरोप में क्रूर अभियानों को रोकने की तरफ देख रहे हैं। साथ ही हिज़्बुल्लाह और मध्य पूर्व के लिए खतरा बने सभी को सहयोग देने से रोकना चाहते हैं। वह हूथी का समर्थन कर रहे हैं जो उन क्षेत्रों पर मिसाइल दाग रहे हैं जहां और अमेरिकी और रुसी नागरिक यात्रा करते हैं।”
उन्होंने कहा कि “अगर अमेरिकी हितो पाए ईरान हमला करेगा तो वांशिगटन इसका प्रतिकार अपने तरीके से करेगा।” बीते हफ्ते अमेरिका ने ईरान के आक्रमण से आत्मरक्षा के लिए मध्य पूर्व में यूएसएस अब्राहम लिंकन ग्रुप और एक जहाज की तैनाती को मंज़ूरी दी थी।
रविवार संयुक्त अरब अमीरात के चार व्यापारिक जहाज फ़ुजैराह के नजदीक क्षतिग्रस्त हो गए थे। यह होर्मुज जलमार्ग से कुछ ही दूरी पर स्थित है। यूएई के जहाजों के क्षतिग्रस्त होने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि “अगर तेहरान हमले के रूप में कुछ भी करता है तो वह बुरी तरह तड़पेगा।”