रूस (russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (vladimir putin) ने 20 जून को कहा कि ईरान (iran) के खिलाफ अमेरिका (america) द्वारा बल का इस्तेमाल भयानक हो सकता है, इससे वांशिगटन और तेहरान के बीच तनाव काफी बढ़ सकते हैं। पुतिन ने रूस के दर्शकों के वार्षिक जवाबो के दौरान कहा कि “अमेरिका कहता है कि वह बल के इस्तेमाल से गुरेज नहीं करेगा और यह क्षेत्र के लिए महाविपदा होगी।”
उन्होंने कहा कि “इससे हिंसा का फैलाव होगा और शरणार्थियों की संख्या में इजाफा होगा। दखलंदाज़ी के परिणामो की गणना करना मुश्किल हो जायेगा।” रूस और ईरान के अमेरिका के साथ मतभेद जारी है जब से अमेरिका ने साल 2015 की परमाणु संधि से नाता तोड़ दिया था।
पुतिन ने रूस के मत को दोहराया कि अमेरिका के ईरान के खिलाफ प्रतिबन्ध बेजा है। ईरान और अमेरिका के बीच खाड़ी में दो टैंकरों पर हमले के लिए आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। अमेरिका ने इसके लिए ईरान को कसूरवार ठहराया है। ईरान ने इसमें संलिप्त होने से इंकार किया है।
गुरूवार को तनाव तब मजीद बढ़ गया जब पेंटागन ने ईरान द्वारा एक अमेरिकी ड्रोन को गिराने की पुष्टि की थी। वह अमेरिका का निगरानी ड्रोन था और ईरान के मुताबिक वह उसके हवाई क्षेत्र में प्रवेश की कोशिश कर रहा था। अमेरिका का दावा है कि ड्रोन अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग पर था जब ईरानी सेना ने उस पर निशाना साधा था।
जावेद ज़रीफ़ ने ट्वीट कर कहा कि “00:14 बजे ड्रोन ने सऊदी से स्टील्थ मोड में टेक ऑफ़ किया था और ईरान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था। ड्रोन पर निशाना कौह ए मोबारक के नजदीक 04:05 बजे दागा गया था।”
सीएनएन के हवाले से डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “संभव है कि ईरान से कोई गलती हुई हो। मैं कल्पना कर सकता हूँ यह समान्य है या किसी ने ड्रोन को निशाना बनाकर कोई गलती की होगी।” डोनाल्ड ट्रम्प अपने बयान पर कायम रहे कि ड्रोन अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग पर ही था।