अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा व्हाइट हाउस के समक्ष एक प्रस्ताव पेश करने की गुंजाईश है जिसके तहत ईरान के साथ बढ़ते तनाव के पश्चिमी एशिया में 10000 सैनिको की तैनाती जाएगी। आला ट्रम्प प्रशासन ने अवरोध को बरक़रार रखा है लेकिन वह जंग नहीं चाहते हैं।
पेंटागन ने गुरूवार को प्रस्ताव पेश किया था लेकिन इसके जानकारी नहीं है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने इस ब्रीफिंग में भाग लिया था या नहीं। इस तैनाती के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गयी है लेकिन अमेरिकी अधिकारीयों के हवाले से आयी रिपोर्ट्स के मुताबिक सैनिको को एक बार में नहीं भेजा जाएगा और वह अवरोध के ढंग में तैनात होंगे।
अतिरिक्त तैनाती की योजना की रिपोर्ट अमेरिका के आला अधिकारीयों के बयान के एक दिन बाद आयी थी। अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ और पैट शाहन ने सांसदों से अवरोधकों को बढ़ाने के बाबत कहा था जंग के बारे में कोई बात नहीं हुई थी।
विश्वनीय ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पर्शियन गल्फ में ईरान छोटी नावों में मिसाइल भर रहा था। ट्रम्प प्रशासन ने पश्चिमी एशिया में अपनी सैन्य मौजूदगी में काफी इजाफा किया है। हाल ही में एक जंगी विमान और बी-52 बमवर्षक, एंटी मिसाइल डिफेन्स सिस्टम और एक युद्धपोत की तैनाती की मंज़ूरी दी थी।
अतिरिक्त सैनिको की तैनाती की सबसे पहले खबर सीएनएन ने प्रकाशित की थी। सीएनएन ने कहा कि यह अमेरिकी सेंट्रल सैन्य कमांड से आग्रह की प्रतिक्रिया थी, जो क्षेत्र में अभियान पर निगरानी रखती है। अमेरिकी प्रशासन ने ईरान पर नयी संधि के लिए काफी दबाव डाल रखा है।
अमेरिका चाहता है कि ईरान अपने परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को त्याग दे और क्षेत्र में अपनी विघातक गतिविधियों को बंद कर दे। उन्होंने ईरान की इस्लामिक रेवोलूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स को विदेशी आतंकी संघठन की सूची में शामिल कर दिया था।