राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को स्पष्ट किया कि अमेरिका ने ईरान से बातचीत के लिए पहल नहीं की है। उन्होंने कहा कि “तेहरान को अमेरिका से संपर्क साधना होगा जब भी वह वार्ता करना चाहते है। फर्जी खबर में आमतौर पर गलत बयान होते हैं। उनके पास कोई जानकारी नहीं है कि अमेरिका ईरान के साथ बातचीत के लिए पहल कर रहा है। यह एक गलत रिपोर्ट नहीं।”
….Iran will call us if and when they are ever ready. In the meantime, their economy continues to collapse – very sad for the Iranian people!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 20, 2019
उन्होंने कहा कि “ईरान जब भी तैयार हो वह हमें कॉल कर सकता है। इस दौरान उनकी अर्थव्यवस्था की हालत बिगड़ती जाएगी। ईरान की आवाम के लिए बेहद दुखी हूँ।” एक दिन पूर्व डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को धमकी दी थी कि “अगर वह मुल्क लड़ना चाहता है तो यह ईरान का औपचारिक तौर पर अंत होगा।”
अमेरिका और ईरान के संबंधों में तेहरान के परमाणु परियोजनाओं के कारण तनाव काफी बढ़ गया है। अमेरिका ने खाड़ी में एक युद्धपोत और बमवर्षक की तैनाती को मंज़ूरी दी थी। ताकि ईरान के खतरे की प्रतिक्रिया दी जा सके। वांशिगटन ने पर्शियन गल्फ में अत्याधिक सैनिको की तैनाती कर दी है।
अमेरिका के अधिकारीयों ने उन तस्वीरों की प्रतिक्रिया पर सैनिको की तैनाती का निर्णय लिया है जिसके तहत ईरान छोटी पारम्परिक नावों में मिसाइलो को लोड कर रहा है। खाड़ी में तनाव के साथ ही ईरान ने अमेरिका के साथ बातचीत करने से इंकार कर दिया है और कहा कि “वांशिगटन के क्षेत्र में अत्याधिक सैनिको की तैनाती के बावजूद हम अधिकतम संयमता का प्रदर्शन कर रहे हैं।”
बीते हफ्ते ईरान के विदेश म्नत्री जावेद जरीफ ने जापान, भारत और तजाकिस्तान की यात्रा की थी। ईरान ने अपने प्रमुख ग्राहकों को तेल बेचना जारी रखने का संकल्प लिया है। जावेद जरीफ ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से बयानबाजी करने की बजाये कार्रवाई करने का आग्रह किया है।