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    टैंकर हमला

    चीन (China) के राजदूत ने मंगलवार को मांग की कि ईरान (Iran) के साथ मामलों को सुलझाने के लिए अमेरिका (America) को अत्यधिक दबाव का इस्तेमाल नही करना चाहिए। ओमान के खाड़ी में टैंकरों पर हमले से दोनो देशो के बीच मतभेदों में काफी इजाफा हुआ है।

    अमेरिका और ईरान के बीच संघर्ष का माहौल बना हुआ है। अमेरिका ने दो टैंकरों पर हमले के लिए ईरान को जिम्मेवार ठहराया था। डोनाल्ड ट्रम्प को ईरान जे साथ हुई परमाणु संधि तोड़े हुए रक साल से अधिक समय जो गया है। ईरान के इस हमले में अपनी भूमिका होने से इनकार किया है।

    ईरान ने सोमवार को कहा कि वह समझौते के प्रातिबद्धताओं से पीछे हटेंगे और परमाणु भंडार में वृद्धि करेंगे। चीनी सरकार के वरिष्ठ कूटनीतिज्ञ वांग ई ने पत्रकारों से कहा कि बिल्कुल चीन खाड़ी में हालातो को लेकर बेहद चिंतित है और सभी पक्षो से तनाव को कम करने की मांग करता है और संघर्ष की तरफ न बढ़ने की मांग करता है।

    उन्होंने कहा कि हम सभी पक्षो से विवेकशील रहने और संयमता बरतने की मांग करते हैं। ऐसा कोई भी तनावपूर्ण कदम न उठाएं जो क्षेत्रीय तनावों में इजाफा करें। अमेरिका को अपने अतिरिक्त दबाव के तरीके को भी दरकिनार करना चाहिए। कोई भी एकतरफा व्यवहार अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित नही है। यह अत्यधिक संकट को उत्पन्न कर सकता है।”

    वांग ने कहा कि “ईरान की परमाणु डील ही सिर्फ परमाणु मामले के समाधान का तरीका है। उन्होंने ईरान से चौकस रहने का आग्रह किया था। हमें उम्मीद है कि ईरान अपने निर्णय को लेने के लिए ऐतिहात बरत रहा है और इस समझौते को असंयमता से नहीं ले रहा है।”

    चीन और ईरान के करीबी ऊर्जा सम्बन्ध है और चीन अमेरिका अन्य देशों और कंपनियों के खिलाफ के खतरे से क्रोधित हैं। अमेरिका के कार्यकारी रक्षा सचिव पैट्रिक शयनयान ने सोमवार को बताया कि वह मध्यपूर्व में 1000 और सैन्य बल की तैनाती पर विचार कर रहे हैं। यह ईरान की तरफ से खतरे के लिए रक्षात्मक इरादे से हैं।”

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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