Mon. Dec 23rd, 2024
    ईरानी राष्ट्रपति

    ईरानी संसद में रविवार को आतंकवादियों को आर्थिक मदद मुहैया करने वालों पर कड़ी कार्रवाई वाला प्रस्ताव विरोध के बावजूद आखिरकार पारित हो गया। इस प्रस्ताव का मकसद ईरानी कानून को अंतरष्ट्रीय मानकों के सामानांतर बनाना है।

    इंटरनेशनल फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स ने ईरान से इस माह के अंत तक काले धन और आतंकियों को आर्थिक मदद मुहैया करने वालों के खिलाफ कानून को मज़बूत करने की हिदायत दी थी। इस कानून को पारित करने के बाद ईरान को यूएन टेररिज़म फाइनेंसिंग कॉनवेन्शन में शामिल होने की अनुमति मिल जाएगी।

    इन प्रस्तावों के अलावा काले धन को सफ़ेद करना यानी मनी लॉन्ड्रिंग और पूर्व नियोजित अपराध के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित हुए है।

    ईरानी विदेश मंत्री मुहम्मद जावेद ने कहा कि यूएनटीएफके में समिल्लित होने से समस्याएं समाप्त होगी या नहीं इसकी गारंटी नहीं है लेकिन इस संघठन में शामिल न होने से अमेरिका हमारी परेशानियों में इज़ाफ़ा कर सकता है।

    ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन, रूस समझौते के तहत ईरान के साथ व्यापार जारी रखने के लिए राज़ी है लेकिन उनकी मांग है कि ईरान सर्वप्रथम एफएटीएफ में सम्मिलित हो। एफएटीएफ की काली सूची में उत्तर कोरिया और ईरान का नाम शुमार है।

    यह प्रस्ताव 143 में से 120 वोटों के आधार पर पारित हुआ है हालाँकि प्रस्ताव के विरोधियों ने संसद के बाहर राजद्रोहियों की मौत होगी के नारे लगाए।

    अर्थशात्रियों के मुताबिक अत्यधिक पारदर्शिता सत्ताधारियों के लिए समस्या उत्पन्न कर सकता है। सरकार के वरिष्ठ नेता अयातुल्ला खमेनेई ने सरकार की स्थिति का समर्थन किया है। वहीँ विपक्षियों ने खमेनेई के जून में दिए बायान कि ‘ईरान को वैश्विक सम्मेलनों में शरीक होने की जरुरत नहीं है’ पर उनकी आलोचना की।

    कानून अधिकारी मोहम्मद फ़ैज़ी ने कहा कि ईरान के समक्ष चयन का अधिकार नहीं है और एफएटीएफ में शामिल न होने से ईरान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

    प्रस्ताव के प्रस्तुतकर्ता अली नजाफी ने कहा कि ईरान के समक्ष अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का बॉयकॉट करने का अधिकार है। उन्होंने कहा भले ही ये कानून ईरान के संविधान के खिलाफ है लेकिन दुनिया की कोई ताक़त हमें इजराइल को कबूल करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *