अमेरिका (america) के निगरानी ड्रोन के मामले में वांशिगटन के दावे को खारिज करते हुए ईरान (iran) के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि “ध्वस्त किये गए अमेरिकी ड्रोन के टुकड़े हमारे क्षेत्रीय जलमार्ग से बरामद हुए थे, जहां उसे गिराया गया था।” अमेरिका और ईरान के सम्बन्ध काफी बिगड़ चुके हैं।
गुरूवार को ईरान द्वारा अमेरिका के ड्रोन को गिराने के बाद दोनों देशों के बीच तल्खियों का एक नया दौर शुरू हो गया था। ईरान ने दावा किया कि जब अमेरिकी जासूसी ड्रोन ईरान के भूभाग पर मौजूद था तब उसे निशाना बनाया गया था। अमेरिका ने इसे भड़काऊ हमला करार दिया था।
अमेरिका ने दावा किया कि वांशिगटन के ड्रोन को तब निशाना बनाया गया था जब वह अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग पर मौजूद था। इसके दावे में दोनों ही पक्षों ने सबूत पेश किये हैं।
जावेद ज़रीफ़ ने ट्वीट कर कहा कि “00:14 बजे ड्रोन ने सऊदी से स्टील्थ मोड में टेक ऑफ़ किया था और ईरान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था। ड्रोन पर निशाना कौह ए मोबारक के नजदीक 04:05 बजे दागा गया था।” उन्होंने अमेरिका के दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि “अमेरिका का ड्रोन हमारे क्षेत्र में था जब उसे निशाना बनाया गया था।”
गुरूवार को इस मामले पर बातचीत के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति ने संयमता का मुजायरा दिया था और इस कदम की अमेरिकी निगरानीकर्ताओं ने सराहना की थी। सीएनएन के हवाले से डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “संभव है कि ईरान से कोई गलती हुई हो। मैं कल्पना कर सकता हूँ यह समान्य है या किसी ने ड्रोन को निशाना बनाकर कोई गलती की होगी।”
उन्होंने कहा कि “इस निशाने को इरादे से करने के तथ्य मिला बमुश्किल है। मेरे ख्याल से इसे ऐसे किसी ने अंजाम दिया होगा जो बेवकूफ और अस्पष्ट हो।” राष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि ड्रोन में कोई भी सवार नहीं था। डोनाल्ड ट्रम्प अपने बयान पर कायम रहे कि ड्रोन अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग पर ही था।
उन्होंने कहा कि “बिलकुल, हम इस मामले पर ज्यादा बातचीत नहीं करने जा रहे हैं। उन्होंने एक बड़ी गलती की है।”