ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ जल्द उत्तर कोरिया की यात्रा करेंगे और वह अभी अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर है। इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज़ एजेंसी ने बताया कि इस यात्रा की तारीख का जल्द ही ऐलान किया जायेगा। ईरानी विदेश मंत्री ने बताया कि वह दक्षिण एशियाई मुल्क में राष्ट्रपति हसन रूहानी की समभावित यात्रा से वाकिफ नहीं है।
उत्तर कोरिया की यात्रा
ईरान और उत्तर कोरिया अभी अमेरिकी प्रतिबंधों का भार ढो रहे हैं ऐसे में यह यात्रा अधिक महत्वपूर्ण है। बीते वर्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर सबसे कठोर प्रतिबंधों का ऐलान किया था जिससे देश की अर्थव्यवस्था की सेहत बिगड़ गयी थी। बीते सोमवार को अमेरिकी प्रशासन ने ऐलान किया कि “वह आठ मुल्कों को ईरानी तेल खरीदने की रिआयत में वृद्धि करने के इच्छुक नहीं है।”
इसके बाबत ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि “ईरान पर परमाणु हथियारों की अप्रसार संधि को तोड़ने पर विचार कर सकता है क्योंकि अमेरिकी प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया देने के विकल्पों में से यह एक है।”
परमाणु अप्रसार संधि
परमाणु अप्रसार संधि एक बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय दस्तावेज है जिसे संयुक्त राष्ट्र कमिटी ने बनाया था। इसका मकसद देशों को परमाणु हथियार के विस्तार करने से रोकना था और परमाणु संघर्ष के खतरे को कम करना था। इस संधि पर 190 सरकारों ने हस्ताक्षर किये थे।
बीते वर्ष अमेरिका ने साल 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था और ईरान पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था। इसके बावजूद ईरानी सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए निरंतर प्रतिबन्ध थोपता रहता है। बीते वर्ष नवंबर में अमेरिका ने बैंकिंग, ऊर्जा और शिपिंग उद्योग पर प्रतिबन्ध लगा दिए थे।
उत्तर कोरिया पर भी वैश्विक प्रतिबन्ध लागू है और हाल ही में हनोई में रद्द हुई वार्ता के बाद किम जोंग उन विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात की थी ताकि अमेरिका के प्रभाव को कम किया जा सके और उन पर दबाव बनाया जा सके।