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    डोनाल्ड ट्रम्प

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को कहा कि “ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से अगले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में मुलाकात की कोई योजना नहीं है।” ईरान और अमेरिका के बीच सऊदी की तेल कंपनियों पर हालिया हमले के कारण तनाव बढ़ गया है।

    ट्रम्प-रूहानी की मुलाकात नहीं

    ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि “कुछ भी कभी पूरी तरह छिपा हुआ नहीं रहा है लेकिन मेरा ईरान के साथ मुलाकात का कोई इरादा नहीं है।” टेक्सास और ऑहियो की यात्रा पर रवाना होने से पूर्व ट्रम्प ने पत्रकारों से बातचीत की थी।

    अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि “इसका मतलब यह नहीं कि ऐसा नहीं हो सकता है। मैं बेहद लचीला व्यक्ति हूँ लेकिन मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है। यह तय नहीं हुआ है।” बीते हफ्ते सऊदी की तेल कंपनियों पर हमले का आरोप अमेरिका ने ईरान पर लगाया था।

    ट्रम्प ने बीते सप्ताज संकेत दिया था कि वह ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ संबंधों को सुधारने के लिए मुलाकात कर सकते हैं। साथ यह भी संकेत दिया था कि वह तेहरान पर लागू प्रतिबंधो को कम करने के लिए तत्पर है। बीते हफ्ते ट्रम्प ने 14 सितम्बर को सऊदी पर हुए हमले के बाद ईरान पर प्रतिबंधो कजो बढाने के आदेश जारी किये थे।

    शुक्रवार को ट्रम्प ने ईरान के राष्ट्रीय बैंक के खिलाफ प्रतिबंधो का ऐलान किया था। ईरान के साथ तानव के बीच डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को बर्खास्त कर दिया था क्योंकि वह न्यूयोर्क में ईरानी नेता के साथ मुलाकात के खिलाफ थे।

    बहरहाल, हसन रूहानी ने अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात करने से इनकार कर दिया था। ईरान पर नई पाबंदियो को थोपने से तेहरान की अर्थव्यवस्था काफी बिगडती जा रही है। डोनाल्ड ट्रम्प ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में सैनिको की तैनाती को मंज़ूरी दे दी है।

    सऊदी पर ड्रोन हमले की जिम्मेदारी यमन के शिया हौथी विद्रोहियों ने ली थी। हौथी अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त यमन की नागरिक सरकार के खिलाफ गृह युद्ध लड़ रहे हैं। सऊदी अरब ने बताया कि सबूतों एक मुताबिक सऊदी पर ड्रोन हमला उत्तर दिशा की तरफ से हुआ था यमन से नहीं।

    रियाद और अवन्शिअग्तन दोनों ने इस हमले के लिए ईरान को कसूरवार ठहराया है। रविवार को रूहानी एन पर्सियन गल्फ देशो से अमेरिका के खिलाफ रैली निकालने का आग्रह किया था ताकि वांशिगटन को मध्य पूर्व के संघर्षो का लाभ उठाने से रोका जा सके।

    रूहानी ने चेतावनी दी कि “पर्शियन गल्फ और होर्मुज के जल्मार्ग्ग में विदेशी सैनिको भेजना ‘समस्या उत्पन्न कर सकता है। हम अपनी सभी पड़ोसियों की तरफ इस नाजुक मोड़ पर दोस्ती का हाथ बढाते हैं। इसके लिए हम उनकी पुरानी गलतियों को माफ़ करने के लिए भी तैयार है। इस इलाके में दुश्मनों ने विभाजन का फायदा उठाना शुरू कर दिया है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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