ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को संकेत दिए कि अमेरिका के साथ प्रतिबंधों को हटाने के बाद ही संभव है। डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कहा था कि तेहरान के साथ परमाणु कार्यक्रम पर समझौते सोचने योग्य है। डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ साल 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था और उन पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था।
इन प्रतिबंधों से ईरान की अर्थव्यवस्था की हालत काफी बिगड़ गयी है क्योंकि वह अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल को नहीं बेच सकते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि “मुझे वाकई यकीन है कि ईरान एक समझौता जरूर करना चाहेगा और मेरे ख्याल से यह उनके लिए बेहतर है और इसके होने की सम्भावना भी है।”
स्टेट टीवी में हसन रूहानी ने बयान में कहा कि “जब भी वह इन कथित प्रतिबंधों को हटा देंगे और अपनी प्रतिबद्धताओं को निभाएंगे और वार्ता की टेबल पर वापस लौटेंगे। दरवाजे बंद नहीं है। लेकिन हमारी जनता आपको आपके शब्दों से नहीं बल्कि आपके कार्यो से जांचेगी।”
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने मंगलवार को कहा कि “अमेरिका के साथ बातचीत के लिए ईरान को कोई पहलु नहीं दिख रहा है।” अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपनी सेना में वृद्धि की है इसलिए ईरान के साथ गतिरोध भी जारी है। अमेरिका ने पर्शियन गल्फ में एक युद्धपोत और एक बी-52 बमवर्षक की तैनाती को मंज़ूरी दी थी।
इस महीने में तेहरान समर्थित हौथी विद्रोहियों ने सऊदी अरब में तेल पाइपलाइन पर ड्रोन से हमला किया था। वांशिगटन ने इसका आरोप ईरान के सर मढ़ दिया था हालाँकि तेहरान ने इन सभी आरोंपो को खारिज कर दिया था।