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    ईरान के सुप्रीम नेता

    ईरान (Iran) के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खमेनेई ने जापान (Japan) के प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) से गुरूवार को कहा कि वह अमेरिका के साथ बातचीत के कड़वे अनुभव को दोहराना नहीं चाहते हैं।” तेहरान और वांशिगटन के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। शिंजो आबे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड का सन्देश लेकर तेहरान की यात्रा पर गए थे।

    उन्होंने मध्यपूर्व में संभावित संघर्ष की चेतावनी जाहिर की थी। उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खमेनेई से मुलाकात की थी। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गए थे और गुरूवार को रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बीच इनके अधिक बढ़ने के आसार है।

    रिपोर्ट्स  के मुताबिक, खाड़ी में तेल टैंकरों पर संदिग्ध हमले किये गए थे। स्थानीय मीडिया के हवाले से खमेनेई ने कहा की “मैं ट्रम्प को सन्देश के आदान-प्रदान के तौर पर काबिल नहीं समझता हूँ। मेरे पास उनके सन्देश का कोई जवाब नहीं है, न अब है और न ही भविष्य में होगा।”

    उन्होंने कहा कि “ईरान में शासन में परिवर्तन का ट्रम्प का वादा सरासर झूठ था। मुझे तेहरान के साथ वांशिगटन के ईमानदार वार्ता के प्रस्ताव पर यकीन नहीं है।” हालिया हफ्तों में वांशिगटन और तेहरान के बीच तनाव काफी बढे हैं। अमेरिका ने साल 2015 में ईरान के साथ हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था और उन पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था।

    सुप्रीम नेता ने कहा कि “इस्लामिक गणराज्य ईरान को अमेरिका पर विश्वास नहीं है और अमेरिका के साथ पिछली वार्ता के कड़वे अनुभव को दोबारा कभी नहीं दोहराएंगे। कोई भी बुद्धिमान और गौरवशाली राष्ट्र दबाव में बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा।”

    आबे  ने पत्रकारों से तेहरान में कहा था कि “सुप्रीम नेता खमेनेई ने बताया कि देश न परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा और न ही रखेगा और न ही उसे करना चाहिए। उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है।” अमेरिका ने बीते महीने कई देशों की ईरानी तेल खरीदने की रिआयत को खत्म कर दिया था।

    अमेरिका ने धमकी दी थी कि या तो ईरान से तेल सौदेबाज़ी बंद कर दे या प्रतिबंधों को झेलने के लिए तत्पर रहे।  बीते माह जापान की यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के सौदेबाज़ी में आबे की मदद का स्वागत किया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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