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    तेल टैंकर

    ईरान का टैंकर सऊदी अरब के रेड सी के बंदरगाह से होकर गुजर रहा था तभी दो मिसाइलों ने टेकर पर हमला कर दिया था। इस क्षेत्र में इस मौजूं से तेहरान और अमेरिका के बीच तनाव काफी बढ़ गए हैं। इस हमले के बाबत सऊदी अरब ने कोई बयान जारी नहीं किया है और सऊदी के अधिकारियो ने टिप्पणी करने से इनकार दिया था।

    ईरान के राज्य टीवी ने कहा कि इस विस्फोट में तेल टैंकर के दो स्टोर रूम क्षतिग्रस्त हो गए हैं और लाल सागर में तेल का रिसाव होने लगा था। ईरान की नेशनल टैंकर कम्पनी के हवाले से न्यूज़ एजेंसी ने बताया कि इस टैंकर को आखिरी दफा ईरान के बंदरगाह शहर बन्दर अब्बास में ट्रैक किया गया था।

    अमेरिकी नौसेना की पांचवी फ्लीट के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट पेटे पगानो ने कहा कि “विभाग इस वारदात की रिपोर्ट्स से वाकिफ है। लेकिन इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।” अमेरिका ने आरोप लगाया था कि बीते महीनो में ईरान ने होर्मुज के बंदरगाह के नजदीक तेल टैंकर पर हमला किया था। हालाँकि तेहरान ने इन आरोपों को ख़ारिज किया था।

    शुक्रवार की घटना से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ हुई परमाणु सन्धि को तोड़ दिया था और तेहरान पर सभी प्रतिबंधो को वापस थोप दिया था। होर्मुज के जलमार्ग के नजदीक तेल टैंकर पर रहस्यमय हमले, ईरान ने अमेरिकी सैन्य सर्विलांस ड्रोन पर हमला और मध्य पूर्व में अन्य वारदात ट्रम्प के फैसले के बाद ही हुई है।

    सऊदी अरब के प्रमुख तेल उद्योग पर भी ड्रोन और क्रूज मुस्सिले से हमला किया गया था जिससे सल्तनत के तेल उत्पादन में काफी कमी आई थी। अमेरिका और सऊदी अरब ने इस हमले का आरोप ईरान पर लगाया था लेकिन इसकी जिम्मेदारी यमन के हौथी विद्रोहियों ने ली थी।

    यमन में सल्नत सालो से सरकार के समर्थन में जंग लड़ रही है। विश्लेशको के मुताबिक, हमले में इस्तेमाल की गयी मिसाइल यमन से दुर्घटनाग्रस्त इलाके में नहीं पंहुच सकती थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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