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    F-22 stealth fighter

    अमेरिका ने पहली बार क़तर में एफ 22 स्टील्थ लड़ाकू विमान की तैनाती क़तर में कर दी है।अमेरिका के साथ तनाव के कारण खाड़ी में अमेरिकी सेना में इजाफा किया गया है। वायुसेना के सेंट्रल मिलिट्री कमांड ने बयान दिया कि एफ 22 रप्टोर स्टील्थ फाइटर विमान की क़तर में तैनाती की गयी है ताकि अमेरिका के हितों और सेना का बचाव किया जा सके ।

    हालांकि सेना ने यह स्पष्ट नही किया है को कितने विमानों को खाड़ी में भेज गया है। एक तस्वीर में दिखाया गया है कि क़तर के अल उदेइड बेस के ऊपर पांच विमान उड़ान भर रहे थे।

    तेहरान और वांशिगटन विवादों में बंधे हुए है और दोनो देशों के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने ईरान के साथ साल 2015 में हुई संधि को तोड़ दिया था और ईरान पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था। इससे दोनो देशों के बीच विवाद काफी बढ़ गया है।

    तनाव बीते हफ्ते काफी बढ़ गए थे जब ईरान की सेना ने अमेरिका के ड्रोन को मार गिराया था। अमेरिका ने खाड़ी में हुए टैंकर के हमले का आरोप ईरान पर लगाया था।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फारस की खाड़ी में ईरान से संबंधित तनावों पर भारत की चिंताओं से शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अवगत कराया और कहा कि क्षेत्र में ‘अस्थिरता’ ऊर्जा के अतिरिक्त ‘कई मायनों’ में भारत को प्रभावित करती है।

    अमेरिका ने ईरान पर यूएई के तट पर छ तेल टैंकरों पर हमले के आरोप लगाए थे लेकिन ईरान ने इन आरोपों को खरिज दिया था। ईरान ने हमले से सम्बंधित रिपोर्ट को गुरूवार को यूएन की सुरक्षा परिषद् में पेश किया था। अमेरिका ने अति आत्मविश्वास से बताया कि इसके लिए ईरान ही जिम्मेदार है।

    ट्रम्प प्रशासन ने कहा कि “उनका लक्ष्य ईरान को जबरन वार्ता की टेबल पर वापस लाना है। साल 2015 का समझौते बेहद कमजोर है क्योंकि यह स्थायी नहीं है और गैर परमाणु मामलो को कवर नहीं करता है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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