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    हनुमा विहारी, मयंक अग्रवाल

    नागपुर में खेले जा ईरानी कप के पहले दिन हनुमा विहारी ने 114 तो वही मयंक अग्रवाल ने 95 रन की पारी खेलकर शेष भारत की टीम को एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। पहले दिन के अंत तक शेष भारत की टीम 330 रन बनाकर ऑलआउट हो गई है। शेष भारत की टीम ने इस मैच में टॉस जीतकर गुणवत्ता गेंदबाजी अतिक्रमण वाली टीम के सामने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था।

    रजनीश गुरबानी ने विदर्भ की टीम को पहली सफलता जल्द ही दिलवा दी जब उन्होने मैच के 9वें ओवर में ही ओपनर अनमोलप्रीत सिंह को पवैलियन का रास्ता दिखाया। हालांकि, अग्रवाल और विहारी जो दोनो ही एक महान टेस्ट क्रिकेटर है, उन्होने मिलकर दूसरे विकेट के लिए 125 रन की साझेदारी की और टीम को एक मजबूत स्थिति में लेकर आए।

    लेकिन जैसे ही लग रहा था कि शेष भारत की टीम घर की टीम से मैच को दूर ले जा रही है, तो ऐसे में यश ठाकुर ने 95 रन के स्कोर पर मयंक अग्रवाल को चलता कर दिया। पहले दिन के खेल में यह बहुत बड़ा विकेट था। अग्रवाल ने हाल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अपना डेब्यू किया था। और उन्होने अपने बल्लेबाजी से वहा सबको प्रभावित किया और मेलबर्न में खेले गए मैच में उन्होने 76 और 42 तो वही सिडनी में 77 रन की पारी खेली।

    उसके बाद वह अपनी घेरलू टीम कर्नाटक से रणजी ट्रॉफी मैच खेलने मैदान में उतरे थे। और सौराष्ट्र के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में उन्होने 2 और 46 रन की पारी खेली थी।

    अग्रवाल का विकेट गिरने के बाद शेष भारत की टीम के कप्तान अजिंक्य रहाणे मिडल में बल्लेबाजी करने उतरे। लेकिन वह अपनी पारी में केवल 38 गेंद ही खेल पाए औऱ उसके बाद अदित्य सारवटे ने उनको चलता किया, अदित्य सारवटे ने रणजी ट्रॉफी फाइनल में भी सौराष्ट्र के खिलाफ 11 विकेट चटकाए थे।
    श्रेयस अपने बल्लेबाजी के दौरान थोड़ा आक्रमक दिखाई दे रहे थे, लेकिन खेल के 59वें में वह (19) रन बनाकर आउट हो गए। उसके बाद अगले 11 ओवर में ईशान किशन, के गोतम, डी जडेजा अपना विकेट गंवा बैठे औऱ कोई भी बल्लेबाज 10 रन से ऊपर की पारी नही खेल पाया। उसके बाद बल्लेबाजी करने आए राहुल चाहर ने हनुमा विहारी का क्रीज पर थोड़ा साथ दिया। हनुमा विहारी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट मैचो में से 3 मैच खेले थे। जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 42 रन था। उन्हें उस दौरान बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में मयंक अग्रवाल के साथ ओपनिंग करने का मौका मिला था लेकिन वह कुछ खास नही कर पाए और उनके साथी मयंक अग्रवाल ने उस दौरान दूसरे छोड़ से अच्छी बल्लेबाजी की थी।
    शेष भारत की टीम इस मैच में 300 का आकड़ा छूने में कामयाब रही क्योंकि इसमे हनुमा विहारी का शतक और नंबर-10 बल्लेबाज की कोशलता बल्लेबाजी का नजारा देखने को मिला था।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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