विदर्भ के आर संजय और अक्षय वाडकर के अर्धशतकों ने बुधवार को नागपुर में ईरानी कप के दूसरे दिन के आयोजन में शेष भारत के 330 रन के जबाव में 245/6 रन बनाए, लेकिन विदर्भ की टीम अभी भी 85 रन पीछे है।
विदर्भ की टीम इस मैच में एक बार लड़खड़ाते नजर आ रही थी जहां शेष भारत की टीम के स्पिनर कृष्णाप्पा गौथम और डी जडेजा ने विदर्भ के बल्लेबाजो पर दबाव बना रखा था। संजय जिनका रणजी ट्रॉफी सीजन कुछ खास नही रहा था उन्होने उस दौरान 23.25 की औसत से केवल 279 रन बनाए थे। लेकिन ईरानी कप के दूसरे दिन उन्होने 137 गेंदो का सामना करके एक शानदार अर्धशतक लगाया है।
23 साल के ओपनर बल्लेबाज ने कप्तान फेज फजल (27) के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 50 रन की साझेदारी की थी। लेकिन उसके बाद विदर्भ के कप्तान फेज फजल गौथम के गेंद पर विकेट गंवा बैठे और स्टंप के पीछे से ईशान किशन नें एक अच्छा कैच लपका। उसके बाद बल्लेबाजी करने आए अथरवा ताईडे जो इस में वसीम जाफर की जगह खेल रहे है, वह अपने बल्ले कुछ खास नही कर पाए और (15) रन बनाकर पवैलियन लौट गए।
ताईडे अपने चौथे फर्स्ट क्लास मैच में केवल 15 रन ही बना सके और विदर्भ की टीम को उनके रूप में दूसरा झटका लगा। संजय ने उसके बाद गनेश सतीष के साथ मिलकर शेष भारत के गेंदबाजो पर दबाव बनाना जारी रखा।
सतीष मैच में पहले दो बल्लेबाजो से ज्यादा आक्रमक लग रहे थे और उन्होने तीसरे विकेट के लिए 62 रन की साझेदारी की। जिसके बाद ओपनर संजय स्पिनर डी जडेजा की गेंद में शॉर्ट कवर में हनुमा विहारी को कैच थमा बैठे थे। ओपनर बल्लेबाज ने 166 गेंदो का सामना करते हुए 9 चौके लगाकर 65 रन की पारी खेली।
शेष भारत की टीम ने उसके जल्द बाद ही मोहित काले (1) के रूप में विदर्भ की टीम को झटका दे दिया था, गौथम दोबारा टीम को विकेट दिलवाने में सक्षम थे। सतीष, जो कर्नाटक की टीम के बाद अब विदर्भ से खलते है, वह मैच में अपने अर्धशतक से 2 रन पहले जडेजा की गेंद पर आउट हो गए।
जब सतीष का विकेट गिरा तो विदर्भ की टीम का स्कोर उस वक्त 168/5 था। लेकिन पिछले हफ्ते सौराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रॉफी फाइनल की तरह, अक्षय वाडकर ने निचले मध्यक्रम के साथ लड़ाई का नेतृत्व किया।
विकेटकीपर वाडकर आदित्य सरवटे (18) की कंपनी में विकेट गिरने को एक हद तक रोकने में कामयाब रहे। लेकिन जब इन दोनो खिलाड़ियो ने छठे विकेट के लिए 58 रन जोड़े लिए तो उत्तर-प्रदेश के गेंजबाज अंकित राजपूत ने इस साझेदारी तो तोड़ा।
वाडकर, जिन्होंने पिछले सप्ताह रणजी फाइनल में महत्वपूर्ण 45 रन बनाए थे, उन्होंने दिन में फाइनल ओवर तक 96 गेंदों में पचास रन पूरे किए। उनके साथ अक्षय कार्नेवार हैं, दूसरे दिन के अंत तक 15 रन के साथ क्रीज पर बने हुए है।
शेष भारत के कप्तान अजिंक्य रहाणे दूसरे दिन कार्यवाही के बाद अधिक प्रसन्न होंगे। एक ट्रैक पर जो स्पिनरों की सहायता कर रहा है, उन्होंने रणजी चैंपियन पर मजबूत पकड़ बनाए रखी है।
लेकिन यह तब ही संभव होगा अगर वह तीसरे दिन की सुबह तक विदर्भ की टीम को जल्द आउट कर देते है। अभी तक शेष भारत की टीम ने मैच में अपनी पकड़ मजबूत कर रखी है।