सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने रविवार को कहा कि “ईरान के साथ सैन्य संघर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगा। शांतिपूर्ण समाधान ही बेहतर होगा।” अमेरिका के सीबीएस कार्यक्रम को दिए इंटरव्यू में उन्होंने वैश्विक समुदाय से ईरान को रोकने के लिए ठोस और दृढ कदम उठाने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि “यह क्षेत्र वैश्विक ऊर्जा की सप्लाई का 30 फीसदी का प्रतिनिधित्व करता है, साथ ही 20 फीसदी वैश्विक व्यापार पैसेज और चार प्रतिशत विश्व की जीडीपी में योगदान देता है। सोचे अगर यह तीनो चीज रोक गयी तो वैश्विक अर्थव्यस्था बर्बादी की कगार पर आ जाएगी और यह न सिर्फ सऊदी अरब में बल्कि मध्य पूर्व के देशो के लिए खतरा है।”
मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि “वह शांतिपूर्ण समाधान को तरजीह देते हैं क्योंकि यह सैन्य संघर्ष से काफी बेहतर है।मैं अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पियो की बात से इत्तेफाक रखता हूँ कि सल्तनत की तेल कंपनियों पर ईरान ने ही हमला किया था।”
14 सितम्बर को सऊदी अरब की राज्य तेल कम्पनी अरामको के दो स्थानों पर आतंकवाद हमला किया गया था। इस हमले की जिम्मेदारी यमन के गुथी विद्रहियो ने ली थी लेकिन सऊदी अरब और अमेरिका ने इस हमले का कसूरवार ईरान को ठहराया है।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि “ड्रोन हमले के मामले पर मैं सुरक्षा कारणों को रेखांकित करना चाहता हूँ। हर दिन यमन में बमबारी की जाती है और मासूम नागरिको की हत्या की जाती है। यमन में नागरिको के खिलाफ निरंतर हथियारों के इस्तेमाल से यमन के नागरिक जवाब देने के लिए मजबूर हो गए हैं। यमन के नागरिको को खुद को इस हमले से बचाना है।”