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    सोशल मीडिया के अधिकांश लोगों की राय है कि मूडीज की ओर से क्रेडिट रेटिंग में भारत को मिलने वाली बेहतरीन ग्रेडिंग ने अर्थव्यवस्था प्रबंधन मामले में पीएम मोदी को उनके पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह के मुकाबले बेहतर साबित किया है। आप को जानकारी के लिए बता दें कि ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 14 वर्षों में पहली बार भारत की रेटिंग में सुधार किया है।

    मूडीज ने कहा है कि मोदी सरकार ने अपनी इकॉनोमी में जो सुधार किया है, उससे देश के विकास दर में बृद्धि होगी तथा कर्ज के बोझ में भी कमी आएगी। गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भी मूडीज ने भारत की ​क्रेडिट रेटिंग में सुधार किया था, बाकी मनमोहन सिंह के दो कार्यकालों के दौरान मूडीज ने भारत की क्रेडिट रेटिंग में कोई सुधार नहीं किया।

    ईटी ने आॅनलाइन तरीके से फेसबुक यूजर्स के बीच सर्वे किया है, जिसके अनुसार 69 फीसदी यूजर्स का मानना है कि मूडीज रेटिंग के मामले में पीएम मोदी अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह से बेहतर साबित हुए हैं। जबकि शेष 31 फीसदी लोगों का मानना है कि मनमोहन सिंह ही बेहतर प्रधानमंत्री थे। ईटी के इस फेसबुक सर्वेक्षण में लगभग तीन लाख लोगों ने भाग लिया। ​

    यही नहीं ईटी ने ट्विटर पर भी 3500 लोगों के साथ एक सर्वेक्षण किया। इस ट्विटर सर्वे में 74 फीसदी लोगों ने नरेंद्र मोदी को बेहतरीन प्रधानमंत्री घोषित किया, वहीं मनमोहन सिंह को केवल 20 फीसदी लोगों ने पसंद किया। 6 फीसदी लोगों का मत अनिर्णीत रहा।

    इन दो प्रधानमंत्रियों के बीच का अंतर

    आज से दो दशक पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहा राव की सरकार में बतौर वित्त मंत्री शीर्ष अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह को भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण को लागू करने का श्रेय दिया जाता है। जबकि पीएम मोदी एक मध्यम शिक्षित तथा सेल्फ मेड पर्सनॉलिटी हैं। करीब एक दशक तक गुजरात के मुख्यमंत्री बने रहे। उनकी अगुवाई में हुए विकास से गुजरातवासियों का गर्व है।

    गरीबी से अपने जीवन की शुरूआत करने वाले मोदी प्रधानमंत्री पद को गौरवान्वित कर रहे हैं। पीएम मोदी अपने विकास को गुजरात मॉडल के रूप में पेश करते हैं। मोदी का मानना है कि देश का विकास हार्डवर्क से होगा ना कि हार्वर्ड से। मोदी ने कहा ​कि देश का विकास विशेष अकादमिक शिक्षा से नहीं वरन दृढ़ इच्छाशक्ति और कठोर परिश्रम से होगा।

    मनमोहन सिंह इस समय पीएम मोदी की जमकर आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने नोटबंदी को “संगठित लूट और वैध लूट” करार दिया है। मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के दौरान बयान दिया था कि अगली तिमाही तक देश की जीडीपी में 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिलेगी और उनका यह बयान सच साबित हुआ।