भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान की मध्यरात्रि में अंतरिक्ष यात्रा से वर्ष की पहली सफलता दर्ज की। इस यान ने 740 किलो के कलाम सैट नामक उपग्रह को अन्तरिक्ष में इसकी कक्षा में स्थापित कर दिया।
पीएसएलवी-डीएल की थी यह पहली उड़ान :
पीएसएलवी सी-44 प्रक्षेपण यान ने गुरुवार सुबह 11.37 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से माइक्रोसेट आर, एक सैन्य अनुप्रयोग उपग्रह, और कलामसैट, छात्रों द्वारा बनाया गया 10 सेमी क्यूबसैट, के साथ लांच पद से उड़ान भरी। यह पीएसएलवी प्रक्षेपण यान के नवीनतम मॉडल पीएसएलवी-डीएल की पहली उड़ान थी।
ISRO Chief K Sivan on successful launch of #PSLVC44 mission, carrying Kalamsat, a satellite made by students: ISRO is open to all students of India. Bring to us your satellites and we will launch it for you. Let's make India into a science-fairing nation. pic.twitter.com/rO9ate1xm3
— ANI (@ANI) January 24, 2019
लांच की गयी सैटेलाइट की जानकारी :
इसरो द्वारा इस हाल ही के मिशन में दो भारतीय सैटेलाइट को लांच किया गया था। पहली सैटेलाइट का नाम माइक्रोसेट है जोकि भारतीय सेना की इमेजिंग सैटलाइट है एवं दूसरी सैटेलाइट कलमसैट है जोकि 10 सेंटीमीटर के आकार की और 1.2 किलोग्राम है। ख़ास बात यह है की इस उपग्रह को हाईस्कूल के छात्रों द्वारा बनाया गया था और इसरो द्वारा इसे मुफ्त में लांच किया गया है।
विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार माइक्रोसेट-आर और इसके पेलोड को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशालाओं में बनाया गया है और यह सैन्य उपयोग के लिए है। उपग्रह को “बाहर बनाया गया था और इसरो ने केवल अपने स्वयं के सिस्टम और लॉन्च वाहन के साथ इसे लांच किया” है।
इस प्रयोग ने दिया नयी तकनीक का नमूना :
इस प्रयोग ने एक नई तकनीक का भी प्रदर्शन किया। इस मिशन में जिस प्रक्षेपण यान का प्रयोग किया गया था वह निरस्त नहीं हुआ और कचरे में नहीं बदला बल्कि उसे दुबारा प्रयोग किया जा सकेगा। इससे अंतरिक्ष में मलबा नहीं बढ़ेगा।
प्रधान मंत्री मोदी ने दी बधाइयाँ :
इसरो की इस एक और सफलता मिलने पर प्रधान मंत्री मोदी ने ट्वीट करके इसरो को बधाइयां दी। इसमें प्रधान मंत्री मोदी ने उपग्रह बनाने वाले छात्रों को भी सराहा और इसरो को बधाइयां दी।
Heartiest congratulations to our space scientists for yet another successful launch of PSLV.
This launch has put in orbit Kalamsat, built by India's talented students.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 25, 2019