सरकार ने कंपनियों को आदेश दिया है कि उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से जीएसटी की नई दरों के मुताबिक वस्तुओं की कीमतों में कटौती की जाए। सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) ने सोमवार को कहा कि जितना जल्द हो सके रोजमर्रा की चीजों जैसे शैंपू, डिटर्जेंट, डिओडोरेंट्स और अन्य उत्पादों के दाम कम किए जाएं। आप को बता दें कि दैनिक जीवन में काम आने वाली सभी वस्तुओं को 28 फीसदी के जीएसटी स्लैब से घटाकार 18 फीसदी में कर दिया गया है।
हांलाकि कई कंपनियों ने उपभोक्ता वस्तुओं के दामों में पहले से ही कटौती कर रखी है, लेकिन कुछ ऐसे हैं, जो अभी भी पुरानी कीमतों का फायदा उठा रहे हैं। वित्त मंत्रालय के एक हालिया बयान के अनुसार सीबीईसी के चेयरपर्सन एन. सरना ने एफएमसीजी कंपनियों को लिखे एक पत्र में अधिकतम खुदरा मूल्य यानि एमआरपी रेट में तुरंत संशोधन करने को कहा है।
वित्त और राजस्व सचिव हसमुख अधिया ये बात पहले ही कह चुके हैं कि,एफएमसीजी फर्म और बड़ी कंपनियां जीएसटी की नई स्लैब के अनुसार अधिकतम खुदरा मूल्य यानि एमआरपी में कटौती करने के बाद ही उत्पादों को बेचें ताकि इसका लाभ कंज्यूमर्स को मिल सके।
आप को जानकारी के लिए बता दें कि रोजमर्रा के जीवन में काम आने वाली वस्तुओं को सस्ता करने के बाद सरकार अब वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर आदि को भी मौजूदा 28 फीसदी स्लैब से घटाकर 18 फीसदी के स्लैब में लाने की कोशिश कर रही है।
अगली उम्मीद
अभी पिछले सप्ताह टीओआई की रिपोर्ट में कहा गया था कि, सरकार को उम्मीद है कि उपभोक्ता वस्तुएं बनाने वाली कंपनियां कीमतों में 8 से 9 फीसदी की कमी कर सकती हैं। कैबिनेट ने एंटी प्रॉफिटरिंग एजेंसी की स्थापना को मंजूरी दे दी है, यह एजेंसी उन कंपनियों पर नजर रखेगी जो जीएसटी की घटी हुई दरों के लाभ से उपभोक्ताओं को वंचित रखती हैं।
इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर प्रभाव
इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट और कंज्यूमर्स ड्यूरेबल्स में भी जीएसटी दर में कटौती देखी जा सकती है। इनमें एयर कंडीशनर, वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन, डिशवॉशर और वैक्यूम क्लीनर जैसे उत्पाद शामिल है।
वेट ग्राइंडर, प्रिंटर और पोर्टेबल इलेक्ट्रिक लैंप पहले से कम लेवी का सामना कर रहे हैं। गौरतलब है कि अभी पिछले हफ्ते ही जीएसटी काउंसिल ने 200 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स दरें कम कर दी थी। अब केवल 50 वस्तुएं ही जीएसटी के 28 फीसदी स्लैब में शेष हैं।