भारत की सबसे बड़ी वाहन कंपनी मारुती सुजूकी साल 2020 से भारत में बिजली से चलने वाले वाहनों का निर्माण शुरू कर देगी। इसके अलावा कंपनी इन वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी उपलब्ध कराएगी। हालाँकि इस विषय में कंपनी का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को आम जनता के लिए सस्ता बनाना कंपनी की सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है।
मारुती के चेयरमैन आर सी भार्गव का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का कोई फायदा नहीं होगा, यदि आम जनता इसे खरीदने में असमर्थ होगी। उन्होंने कहा, “भारत में कुल बेचीं जाने वाली कारों में से करीबन 75 फीसदी छोटी कारें होती हैं। एक बड़ी इलेक्ट्रिक कार को सस्ती बनाना एक छोटी कार को सस्ती बनाने से अलग है। एक चार अमेरिका और यूरोप में सस्ती हो सकती है, लेकिन वही कार भारतियों के लिए महँगी हो सकती है।”
भार्गव नें इस दौरान भारतीय कार कंपनियों के संदर्भ में कहा कि वे लोगों की जरूरतों को नहीं समझ पा रहे हैं। उनके मुताबिक, “यह तो साफ़ है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ता बनाना पड़ेगा। चुनौती यह है कि इन वाहनों को भारतीय बाजारों के लिए सस्ता कैसे बनाया जाए?”
भार्गव का मानना है कि भारतीय ग्राहकों की जरूरतों को समझने के लिए एक शौध करने की जरूरत है। उन्होंने बताया, “इसीलिए हम इस पुरे बाजार की जांच कर रहे हैं। हमें पता है कि सरकार क्या सोचती है, मीडिया क्या सोचती है लेकिन हमें यह नहीं पता कि ग्राहक इस विषय में क्या सोचते हैं? यह जांच 2 या 3 सप्ताह में शुरू होगी और अगले करीबन 6 सप्ताह में पूरी होगी।”
आपको बता दें कि हाल ही में भारतीय ऑटोमोबाइल निर्माण से जुडी संस्था सियाम नें ऊर्जा मंत्रालय को हाल ही में एक पेपर सोंपा था जिसमे यह कहा गया था कि साल 2047 तक भारत में सिर्फ बिजली से चलने वाले वाहन ही इस्तेमाल होंगे। इस रिपोर्ट में हालाँकि कुछ ऐसे प्रावधानों का भी जिक्र किया गया है जो यदि सरकार कंपनियों को देती है, तो उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने में मदद मिलेगी।
इस विषय में आर सी भार्गव का भी कहना है कि यदि सरकार कंपनियों को कुछ प्रोत्साहन देती है तो कंपनियों के लिए आसानी हो जायेगी। जाहिर है यदि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की कंपनियों को टैक्स आदि से जुडी चीजों में कुछ प्रोत्साहन देती है, तो कंपनियों अच्छे से काम कर सकेंगी।