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    इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन

    केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि सरकार एक दिसंबर से इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन शुरू कर देगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी वाहनों में फास्टैग लगाना होगा तभी कैशलेश टोल कलेक्शन को आसान बनाया जा सकेगा।

    उन्होंने कहा कि फिलहाल साढ़े सात लाख वाहनों पर फास्टैग पहले से ही लगा हुआ है। उम्मीद है मार्च 2018 तक फास्टैग लगे वाहनों की संख्या बढ़कर 25 लाख हो जाएगी। मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार वर्तमान में फास्टैग से करीब दस करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दो महीनों में नेशनल हाइवे पर फास्टैग रेडी कुल 3500 लेन बनकर तैयार हो जाएंगे।

    आखिर क्या है फास्टैग?

    दरअसल फास्टैग वाले वाहनों के लिए टोल प्लाजा पर अलग से लेन बनी होगी। टोल प्लाजा पर लगा सेंसर फास्टैग लगे वाहनों को कुछ मीटर दूर से ही पकड़ लेगा और आॅटोमेटिक टैक्स पेमेंट हो जाएगा। आपके बैंक खाते से निकलने वाले अमाउंट की जानकारी एसएमएस के जरिए आपके मोबाइल पर दे दी जाएगी।

    इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन

    उम्मीद जताई जा रही है कि इस फास्टैग सिस्टम से भविष्य में पेट्रोल भरवाया जा सकेगा य​ही नहीं राज्य सीमा चेकपोस्ट पर भी टोल पेमेंट किया जा सकेगा। आपको बतादें कि आए दिन नेशनल हाइवे के करीब 391 टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं।

    इस जाम से मुक्ति दिलाने के लिए देश के सड़क परिवहन मंत्रालय ने 3 मई को एक अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना के अनुसार एक जुलाई से सभी वाहनों के बाई ओर यानि वाहन चालक पास फास्टैग लगाना अनिवार्य किया गया था।

    सरकार ने इस ​अधिसूचना में इस बात का उल्लेख किया था कि यदि फास्टैग सिस्टम व्यवसायिक वाहनों पर सफल हो जाएगा तब इसका इस्तेमाल अन्य वाहनों के लिए भी किया जाएगा। ऐसे में सरकार अब फास्टैग व्यवस्था सभी वाहनों के लिए उपलब्ध करवाने जा रही है।