कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को इलेक्टोरल बांड का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि इन्हें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को दरकिनार करते हुए मंजूरी दी गई है। सोमवार को प्रियंका ने ट्विटर पर कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक को दरकिनार कर व राष्ट्रीय चिंताओं को खारिज करते हुए कालेधन को भाजपा की तिजोरी में पहुंचाने के लिए इलेक्टोरल बांड को मंजूरी दी गई।
भाजपा को काले धन को खत्म करने के नाम पर चुना गया था, लेकिन यह उसी से अपनी जेब भरने में जुट गई। भारतीय जनता से यह धोखाधड़ी शर्मनाक है।”
यह पहली बार नहीं है कि कांग्रेस पार्टी ने इलेक्टोरल बांड का मुद्दा उठाया है। इस साल मई में राहुल गांधी ने भी ईवीएम व इलेक्टोरल बांड में कथित हेरफेर का मुद्दा उठाया था और निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा था।
उन्होंने ट्वीट किया था, “इलेक्टोरल बांड व ईवीएम से लेकर चुनाव कार्यक्रम में हेरफेर, नमो टीवी, मोदी आर्मी और अब केदारनाथ में ड्रामा; निर्वाचन आयोग का मोदी व उनके गिरोह के समक्ष आत्मसमर्पण सभी भारतीयों के समक्ष साफ है।”
इस साल अप्रैल में कांग्रेस ने भाजपा से इलेक्टोरल बांड के जरिए अपने फंड के स्रोत का खुलासा करने की मांग की थी।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने ‘गुप्त फंड’ प्राप्त करने के प्रयास के तहत इलेक्टोरल बांड के मुद्दे पर आरबीआई को दरकिनार कर दिया। कांग्रेस अब इस तरह की रिपोर्ट को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है।