उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार नें हाल ही में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रख दिया है। इसके बाद अब अफवाह है कि योगी सरकार इसके बाद फ़ैजाबाद का भी नाम बदल सकती है।
आपको बता दें कि विश्व हिन्दू परिषद और राम जन्मभूमि न्यास के सदस्यगण यह मांग कर रहे हैं कि फ़ैजाबाद और अयोध्या को मिला दिया जाए और उसके बाद उस शहर का नाम ‘श्री अयोध्या’ रखा जाए।
विश्व हिन्दू परिषद् के प्रवक्ता शरद शर्मा नें बताया, “योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा इलाहबाद का नाम बदलने का लिया हुआ फैसला काफी सराहनीय है। हमारी सरकार को लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और फ़ैजाबाद का नाम बदलकर उसे ‘श्री अयोध्या’ कर देना चाहिए।”
शर्मा नें आगे कहा कि जिस योगी सरकार नें पिछले साल अयोध्या फ़ैजाबाद नगर निगम का गठन किया था, उसे इस दिवाली के मौके पर लोगों की मांग को पूरा करना चाहिए और फ़ैजाबाद का नाम बदलना देना चाहिए।
विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय सलाहकार पुरुषोत्तम सिंह नें भी इस बारे में आवाज बुलंद की। उन्होनें कहा, “जब इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज हो सकता है तो फ़ैजाबाद का अयोध्या क्यों नहीं हो सकता है? फ़ैजाबाद और अयोध्या जिलों को मिला देना चाहिए और उसका नाम अयोध्या रख देना चाहिए।”
जाहिर है इस मंगलवार को योगी सरकार नें इलाहाबाद का नाम अधिकारिक रूप से बदलकर इसे प्रयागराज कर दिया था। योगी आदित्यनाथ के करीबन डेढ़ साल के शासन में यह तीसरा बड़ा नाम बदला गया है।
इससे पहले राज्य सरकार नें मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर उसे पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर रखा था। इसके अलावा सरकार नें आगरा के पास मौजूद फराह स्टेशन का भी नाम बदल दिया था।
इलाहाबाद का पूर्व में नाम ‘प्रयाग’ था, जिसे 16वी शताब्दी में मुग़ल सम्राट अकबर नें बदल दिया था। अकबर नें गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम के पास अपना किला बनवाया था, जिसका नाम इलाहबाद रखा गया था।
इसके बाद अकबर के पौते शाह जहाँ नें इस पुरे शहर का नाम बदलकर इलाहाबाद कर दिया था। इसके बावजूद भी ‘संगम’ के आस-पास का इलाका, जहाँ कुम्भ का मेला लगता है, उसे अब भी प्रयाग कहा जाता था।