इराक को खाड़ी देशों के दो चीर-प्रतिद्वंदियों ईरान और सऊदी अरब का आगामी सम्मेलन में इस्तकबाल करना होगा शनिवार को इराकी प्रधानमंत्री आदेल अब्दुल मेहदी ने क्षेत्र में अपने देश की मध्यस्थता की भूमिका को बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की थी।
प्रतिनिधियों के साथ ही तुर्की, कुवैत, सीरिया और जॉर्डन के संसद के प्रमुख भी इराक की राजधानी में आयोजित एक दिवसीय सम्मेलन में शामिल होंगे जहां क्षेत्रीय सुरक्षा, कूटनीति और आर्थिक मामलो पर चर्चा की जाएगी। हाल ही में आदेल मेहदी ईरान और सऊदी अरब की यात्रा से वापस लौटे हैं।
तेल के दो बड़े सौदागर मध्य एशिया में प्रभुत्व के लिए लम्बे समय से एक-दूसरे से होड़ लगा रहे हैं। एक ही समारोह में सऊदी अरब और ईरान के अधिकारीयों की उपस्थिति असामान्य है। इराक के प्रधानमंत्री ने कहा कि “हम ईरान के साथ मज़बूत सम्बन्ध कायम रखेंगे लेकिन अमेरिका और क्षेत्रीय देशों के साथ संबंधों को बरक़रार रखेंगे।
सऊदी अरब की यात्रा के दौरान अब्दुल मेहदी ने बादशाह सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी। छह माह पूर्व ही इराक के प्रधानमंत्री ने गद्दी संभाली है और वह सऊदी अरब की पहली आधिकारिक यात्रा पर वह गए थे।
साल 1990 में इराक ने कुवैत पर कब्जा करने के लिए धावा बोला था और इसके बाद इराक और सऊदी अरब आपस में भिड़ गए थे लेकिन संबंधों को सुधारने के लिए हाल ही में कूटनीति का सहारा लिया है। ईरान की यात्रा के 10 दिनों के बाद इराक के पीएम सऊदी अरब की यात्रा पर भी गए थे। वहां उन्होंने ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खामनेई और राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात की थी।
शिया बहुल होने के कारण अधिकतर इराक के नेताओं की ईरान से नजदीकी है जो मध्य एशिया में मुख्य शिया ताकत है। इराकी प्रधानमंत्री ने बताया कि रमजान में पावक माह से पूर्व वह फ्रांस और जर्मनी की आधिकारिक यात्रा पर भी जायेंगे। इस यात्रा के शुरू होने की सम्भावना मई की शुरुआत से है।