इराक के प्रधानमन्त्री आदेल अब्दुल मेहदी ने बुधवार को मंत्रिमंडल में फेरबदल का ऐलान किया था। उन्होंने तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है और राष्ट्र में हिंसक नागरिक शान्ति को खत्म करने का कसूरवार सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को ठहराया था।
बीते सप्ताह बग़दाद सरकार विरोधी प्रदर्शनो से दहला था। सरकार ने सुधारों के एक पैकेज का ऐलान किया था इसमें अतिरिक्त नौकरियों के अवसर, आवास मुहैया करना और सब्सिडी शामिल है जो इराक के नागरिको को संतुष्ट करने में असफल है।
मीडिया कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मेहदी ने कहा कि “हम संसद से कल मंत्रालयों के फेरबदल के लिए वोट करने की मांग करेंगे।” विभाग सैकड़ो भ्रष्ट अधिकारियो के नाम की सूची जांच के लिए तैयार करेगी। अशांति को रोकने की कोशिश में सरकार ने इन्टरनेट को ब्लाक कर दिया और कई सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया था।
उन्होंने कहा कि “हमने लाइव फायर का इस्तेमाल न करने के स्पष्ट आदेश दे दिए हैं लेकिन वहा गोलीबारी के पीड़ित अभी भी मौजूद है। देश को नुकसान पंहुचाना गलत है। इराक के राष्ट्रपति बरहम अहमद सलीह ने सोमवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों से रचनात्मक वार्ता में शामिल होकर नागरिक अशांति को खत्म करने की मांग की थी।
सलीह ने बग़दाद में एक सार्वजानिक समारोह को संबोधित किया था और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की आलोचना की थी और शांतिपूर्ण प्रदर्शन में गोलीबारी की भी निंदा की थी।
इराक के राष्ट्रपति ने कहा कि विभागों के कार्य में वोस्तार के लिए वह संवैधानिक मंत्रिमंडल में फेरबदल का समर्थन करते हैं। बुधवार को बग़दाद में कर्फ्यू लागू कर दिया गया था। राजधानी में प्रदर्शन के लिए 4000 व्यक्तियों को तलब किया गया था। इराक के विभागों ने बग़दाद और अन्य इलाकों में इन्टरनेट सर्विस को बंद कर दिया था।
संयुक्त राष्ट्र ने इराक से अधिकतम संयमता बरतने की मांग की है। विशेष राजदूत जेअनिने हेन्निस-पस्स्चेर्ट ने कहा कि “प्रत्येक व्यक्ति कानून के दायरे में रखकर अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है।”