Fri. Nov 15th, 2024

    इराक के प्रधानमंत्री का कहना है कि वर्तमान संकट का एकमात्र समाधान यह है कि विदेशी सैनिक यहां से वापस चले जाएं। वहीं नाटो ने घोषणा की है कि बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद बढ़े तनाव को देखते हुए वह इराक में अपने सैनिकों की रक्षा के लिए अपने कुछ कर्मियों को अस्थाई तौर पर दोबारा तैनात करेगा।

    समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान टीवी पर प्रसारित अपने भाषण में अदेल अब्देल-महदी ने कहा, “विदेशी सैनिकों की तैनाती के संबंध में हमने संसद में जो प्रस्ताव दिया है, वही एक मात्र समाधान है. हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है।”

    प्रधानमंत्री ने कहा कि 2011-2014 के दौरान इराक बिना अंतर्राष्ट्रीय सेना के ही रहा था।

    अब्देल-महदी के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय सेना को जिस आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए यहां तैनात किया गया है, वह अब पहले से बहुत कमजोर हो चुका है।

    अब्देल-महदी ने पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें सोमवार को अमेरिका से एक संदेश आया था जिसमें सैनिकों की वापसी का स्पष्ट उल्लेख था, लेकिन वह एक गलत संदेश में बदल गया।

    इराकी मीडिया द्वारा प्रदर्शित संदेश अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन सेना के दोबारा तैनाती के बारे में था, जिसे व्यापक रूप से वापसी की घोषणा के तौर पर बताया गया।

    अमेरिका के रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने तब इराक से सेना लौटाने की किसी मंशा से इंकार कर दिया।

    उन्होंने कहा कि इराक ने पत्र की प्रमाणिकता की पुष्टि करने की कोशिश की।

    उन्होंने कहा कि पत्र में एक पैराग्राफ का अरबी अनुवाद अंग्रेजी वाक्य ‘ड्रियू हिज अटेंशन’ का विपरीत था।

    इराकी संसद ने रविवार को एक प्रस्ताव पारित कर सरकार से विदेशी सेना को इराकी धरती का उपयोग करने से रोकने के लिए कहा।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *