अमेरिका और तेहरान के बीच परमाणु संधि को लेकर संघर्ष जारी है और इसके बीच में इराक ने ईरान के साथ खड़े होने की प्रतिज्ञा ली है।
अल जजीरा के मुताबिक इराक के विदेश मंत्री मोहमद अली अल हाकिम ने अपने ईरानी समकक्षी जावेद जरीफ से बातचीत के दौरान समर्थन के लिए सुनिश्चित किया था।
अमेरिका और ईरान के बीच कूटनीतिक तनाव चरम पर है। डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष साल 2015 में ईरान और वैश्विक ताकतों के बीच हुए परमाणु समझौते को तोड़ दिया था और उन परे सभी प्रतिबंधों को थोप दिया था।
इससे एक दिन पूर्व ईरान के रेवोलूशनरी गार्ड्स कमांडर मेजर जनरल घोलमालि रशीद ने कहा कि “अमेरिका और उसके सहयोगियों के पास ईरान पर हमला करने की हिम्मत नहीं है और इसका कारण प्रतिरोध की भावना है।” हाल ही में अमेरिका ने मध्य पूर्व में संभावित ईरानी खतरे के प्रतिकार के लिए सियनिको की मौजूदगी में काफी इजाफा किया था।
अमेरिका ने पर्शियन गल्फ में एक युद्धपोत और बी-52 बमवर्षक की तैनाती को मंज़ूरी दी थी ताकि ईरान के कथित और अस्पष्ट खतरे का जवाब दे सके। इसके आलावा पेंटागन ने मध्य पूर्व में एक पेट्रियट मिसाइल डिफेन्स बैटरी और नौसैन्य जहाज की तैनाती की मंज़ूरी दी थी।
नवंबर में डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरानी तेल के निर्यात पर प्रतिबन्ध थोप दिए थे लेकिन आठ देशों को छह माह तक ईरानी तेल खरीदने की रिआयत दी थी। अमेरिका ने हाल ही में इस रिआयत का भी अंत कर दिया है। अमेरिका ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह मध्य पूर्व में 15000 सैनिको को तैनात करेगा ताकि ईरान के आक्रमण से बचाव किया जा सके।
विश्वनीय ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पर्शियन गल्फ में ईरान छोटी नावों में मिसाइल भर रहा था। ट्रम्प प्रशासन ने पश्चिमी एशिया में अपनी सैन्य मौजूदगी में काफी इजाफा किया है।