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    आईएसआईएस

    मध्य एशियाई देशों में आईएसआईएस से लड़ाई जारी है। ताजा जानकारी के अनुसार इराक में आईएसआईएस के कब्जे वाले एकमात्र शहर रवा को भी इराकी सेना ने आजाद करवा लिया है।

    शुक्रवार दोपहर को आखिरकार इराकी सेना ने रवा में अपने राष्ट्रिय ध्वज फहरा दिया था। रवा पर कब्ज़ा करने के बाद सेना के एक अधिकारी ने बताया कि आईएसआईएस का अंत अब निकट है।

    आपको जानकारी के लिए बता दें कि साल 2014 तक आईएसआईएस के पास इराक और सीरिया में करीबन 34000 वर्ग मील जमीन पर कब्ज़ा था।

    इसके बाद इराकी सेना ने आईएसआईएस के खिलाफ कार्यवाई करना शुरु किया था। साल 2016 में आईएसआईएस के कब्जे वाला छेत्र घटकर 23000 वर्ग मील हो गया था।

    आईएसआईएस के खिलाफ इराक में लड़ाई करीबन तीन सालों तक चली और इस दौरान करीबन 25000 बार सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। आईएसआईएस के खिलाफ रूस, सीरिया, इराक और अमेरिकी सेना ने जुंग लड़ी।

    इराक में आईएसआईएस की वजह से लगभग 30 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। सीरिया में तो आंकड़े और भी भयावह हैं। सीरिया में लगभग 65 लाख लोग आईएसआईएस का शिकार हुए हैं।

    इनमे से इराक में करीबन 40000 निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई है, जबकि सीरिया में करीबन 4 लाख लोग 2011 से अब तक मारे जा चुके हैं।

    इराक में इससे पहले सिर्फ रवा और मोसुल नाम के दो शहरों में आईएसआईएस का कब्ज़ा था। सेना ने कुछ दिन पहले ही मोसुल पर कब्ज़ा किया था। अब सेना ने एकमात्र बचे शहर रवा पर भी कब्ज़ा कर इराक से आतंकवादियों को पूरी तरह से साफ़ कर दिया है।

    रवा पर कब्ज़ा करने के बाद इराक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘आज का दिन इराक के लोगों के लिए ऐतिहासिक है। अब विश्व को यह नहीं सोचना चाहिए कि आईएसआईएस का अंत हो गया है, बल्कि इराक कोई जनता के बारे में सोचना चाहिए, जिन्होंने आतंकवादियों से लड़कर उन्हें देश से बाहर फेंका।’

    ‘देशभर में करीबन 1 करोड़ से ज्यादा लोग जरूरी सहायता चाहते हैं। इन लोगों की जिंदगी संवारने के लिए मदद की जरूरत है। इन लोगों को आर्थिक मदद की जरूरत है और हमें इनसे मुंह नहीं मोड़ना चाहिए।’

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।