Wed. Nov 6th, 2024

    निर्माता-लेखक इम्तियाज अली का कहना है कि वह विदेशी भाषाओं में फिल्में देखना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें बेहतर ढंग से तैयार किया जाता है और वे कलात्मक और यर्थाथवादी होती हैं।

    चल रहे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) के 50वें संस्करण में ‘द कंटेम्पररी फिल्ममेकर्स ऑफ डिफरेंट जेनरेशंस’ पर एक सत्र के दौरान उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि उन्हें विदेशी भाषाओं में फिल्में देखना पसंद है।

    क्या हिंदी में बनाई जाने वाली फिल्मों की तुलना में वे बेहतर होते हैं? इस पर इम्तियाज ने आईएएनएस को बताया, “हां, मुझे लगता है कि विदेशी भाषाओं में फिल्में बेहद यर्थाथवादी और कलात्मक होते हैं और इन्हें बेहतर ढंग से बनाई जाती हैं जिस वजह से इन्हें देखने में मजा आता है। भाषा से ज्यादा मैं निर्देशकों का अनुकरण करता हूं। मैं डेविड लीन की फिल्में देखा करता था।”

    उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा, “जहां तक हिंदी की बात है तो मुझे बिमल रॉय, विजय आनंद और राज कपूर बेहद पसंद है। फिलहाल (तत्कालीन फिल्मनिर्माता) सभी मेरे दोस्त हैं, तो मैं दोनों अनुराग (बासु और कश्यप), जोया (अख्तर), राजू हिरानी सहित सभी की फिल्में देखता हूं।”

    इम्तियाज को अपने समकालीन हिंदी फिल्म निर्माताओं पर गर्व भी है क्योंकि वे पहले की अपेक्षा लोगों को कहीं अधिक वास्तविक रूप से चित्रित करने में समर्थ हैं।

    उन्होंने कहा, “सिनेमा में लोग, चाहे वे हीरो हो या नहीं, अधिक विश्वसनीय और यर्थाथवादी हैं।”

    इम्तियाज फिलहाल अपनी अगली फीचर फिल्म पर काम कर रहे हैं।

    अपनी नई परियोजना के बारे में उन्होंने कहा, “हम इस फिल्म के बारे में बात नहीं कर रहे हैं सिवाय इस तथ्य के यह फरवरी में रिलीज हो रही है।”

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *