इस्लामाबाद, 20 अगस्त (आईएएनएस)| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अधिकारियों को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) की आधा दर्जन परियोजनाओं पर काम तेज करने का निर्देश दिया है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, सोमवार को खान ने अरबों डॉलर वाली सीपीईसी की ऊर्जा और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के संबंध में एक विस्तृत जानकारी दी। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी होती आ रही है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार की आपत्तियों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के छह अरब डॉलर के कार्यक्रम के तहत संवर्धित राजकोषीय नियंत्रण के कारण यह रणनीतिक पहल पिछले साल भर से रुकी हुई है।
सरकार की प्राथमिकताओं में बदलाव के कारण लगभग 50 कर्मचारियों की नौकरियां भी दांव पर लग गई हैं, जो वर्तमान में सीपीईसी सहायता सचिवालय परियोजना और सीपीईसी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत काम कर रहे हैं।
आईएमएफ ने सरकार की जमानत राशि की एक सीमा निर्धारित की है, जो इस वित्त वर्ष के अंत तक 1.6 खरब पाकिस्तानी रुपये से अधिक नहीं हो सकती है और सरकार द्वारा बाहरी सार्वजनिक भुगतान बकाया के संचय पर भी निरंतर प्रतिबंध है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि इन प्रतिबंधों से सीपीईसी की मेनलाइन-1 परियोजना जैसी बड़ी परियोजना के अनुबंध की सरकार की क्षमता प्रभावित हुई है।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन सभी लंबित मुद्दों के समाधान का संकल्प व्यक्त किया, जिनके कारण सीपीईसी के क्रियान्वयन में देरी हुई है और ब्यूरोक्रेसी को जल्द से जल्द अड़चनें दूर करने के लिए कहा है।
60 अरब डॉलर वाली सीपीईसी बीजिंग की बेल्ट एंड रोड पहल की एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसका उद्देश्य राजमार्गों, रेल लाइनों और समुद्री लेन के विशाल नेटवर्क के माध्यम से एशिया, अफ्रीका और यूरोप को जोड़ना है।
आर्थिक गलियारा चीनी शहर काश्गर को अरब सागर पर स्थित पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है।