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    द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके जासूसी के संभावित लक्ष्यों की सूची में 10 प्रधानमंत्रियों, तीन राष्ट्रपतियों और एक राजा से जुड़े टेलीफोन नंबर शामिल हैं।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस के एक पूर्व कर्मचारी और टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप की स्थापना करने वाले रूसी तकनीकी अरबपति पावेल दुराव से जुड़े नंबर भी एनएसओ ग्रुप के ग्राहकों द्वारा चुने गए नंबरों की सूची में हैं।

    फ्रांस के इमैनुएल मैक्रॉन, ईराक के बरहम सालेह और दक्षिण अफ्रीका के सिरिल रामफोसा इस सूची में राष्ट्रपति हैं। मोरक्को के मोहम्मद VI राजा हैं। पाकिस्तान के इमरान खान, मिस्र के मुस्तफा मदबौली और मोरक्को के साद-एद्दीन एल ओथमानी लीक हुए डेटाबेस पर प्रधान मंत्री हैं। इसके साथ ही इसमें सात पूर्व प्रधानमंत्रियों के भी नाम शामिल हैं, जिन्हें सत्ता में रहने पर सूची में जोड़ा गया था। द वायर न्यूज वेबसाइट और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों के अनुसार, यमन के अहमद ओबेद बिन डाघर, लेबनान के साद हरीरी, युगांडा के रूहाकाना रगुंडा, फ्रांस के एडौर्ड फिलिप, कजाकिस्तान के बकित्ज़ान सगिनतायेव, अल्जीरिया के नौरेद्दीन बेदौई और बेल्जियम के चार्ल्स मिशेल हैं ऐसे पूर्व प्रधान मंत्री हैं ।

    वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान का नाम भारतीय नुम्बरों वाले समूह में दिखाई दिया। वहीं बरहम सलीह और साद हरीरी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और सऊदी समूहों के नंबरों वाली सूची में पाए गए।

    पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि वह जांच कर रही है कि क्या इमरान खान द्वारा इस्तेमाल किए गए नंबर से छेड़छाड़ की गई थी। वहीं भारत ने निगरानी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उनके पास “इससे जुड़ा कोई ठोस आधार या सबूत नहीं है।”

    इज़राइली कंपनी ने मंगलवार शाम को एक बयान जारी कर कहा कि, मीडिया रिपोर्टों द्वारा पहचाने गए “कम से कम तीन नाम”- राष्ट्रपति मैक्रोन, किंग मोहम्मद VI और डब्ल्यूएचओ के निदेशक टेड्रोस- “एनएसओ समूह के ग्राहकों के द्वारा इन ओर जासूरी होने के आरोप गलत हैं और न ही वे कभी भी लक्ष्य के रूप में चुने गए हैं।”

    द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, किसी भी नेता ने पेगासस जांच करने वाले मीडिया आउटलेट्स को फोरेंसिक विश्लेषण के लिए अपने फोन उपलब्ध नहीं कराए। इससे यह पुष्टि नहीं हो सकी कि उनके फोन वास्तव में मैलवेयर से संक्रमित थे या नहीं।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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