पाकिस्तान में अल्पसंख्यको के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करने का खुलासा एक बार फिर हो गया है। पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान की पार्टी के पूर्व सांसद ने भारत में राजनीतिक शरण का आग्रह किया है। मुस्लिम बहुसंख्यक देश में अल्पसंख्यको के साथ दुर्व्यवहार की एक और घटना सामने आई है।
भारत में राजनीतिक शरण की मांग
पाकिस्तान तहरीक ए इन्साफ पार्टी के खैबर पख्तुन्वा खवा के बरिकोट से पूर्व सांसद बलदेव कुमार ने अपने परिवार के साथ भारत में है और अब यहाँ वह राजनीतिक शरण की मांग कर रहे हैं। 43 वर्षीय बलदेव अब वापस पाकिस्तान नहीं लौटना चाहते हैं और उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यको पर अत्याचार किये जाते हैं।
साल 2016 में उनके संसदीय क्षेत्र से मौजूदा सांसद की हत्या कर दी गयी थी। अल्पसंख्यको पर अत्याचार का यह कोई अकेला मामला नहीं है। पाकिस्तान में ऐसे मामले निरंतर दर्ज होते रहते हैं और हिन्दू, सिख और ईसाई लडकियों का जबरन इस्लाम में धर्मांतरण किया जाता है और फिर जबरदस्ती किसी मुस्लिम से उनका निकाह कर दिया जाता है।
हाल ही में सिख ग्रंथि की बेटी जगजीत कौर का अपहरण किया गया था और उसका जबरन धर्मांतरण कर एक मुस्लिम युवक से निकाह कर दिया गया था। पाकिस्तान अभी भारत पर अल्पसंख्यको पर कथित अत्याचार पर बयानबाजी कर रहा है। अपने ही अल्पसंख्यक समुदाय के लिए पाकिस्तान अभी भी एक असुरक्षित देश है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने निरंतर पाकिस्तान को उसकी सरजमीं से धार्मिक अल्पसंख्यको के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने की बात कही है। बीते महीने अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने पाकिस्तान में धार्मिक आज़ादी को कुचलने के मामले को उठाया था।
इन साब घटनाओं के बावजूद पाकिस्तान को अपनी डूबती अर्थव्यवस्था पर तव्वजो देने की जरुरत है और अपने देशवासियों को समान अधिकार देने चाहिए। इमरान खान ने कहा था कि “आरएसएस के गुंडे लोगो को पीट रहे हैं, जजों को धमका रहे हैं और अपने खिलाफ बोलने वालो को राष्ट्रद्रोही कह रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसे नाजियो ने किया था। भारत चरमपंथी विचारधारा के साथ तबाही की तरफ अग्रसर है।”