Sat. Nov 16th, 2024

    पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति व सैन्य प्रमुख परवेज मुशर्रफ के पार्थिव शरीर को तीन दिनों तक फांसी पर लटकाने के विशेष अदालत के विवादास्पद फैसले के बाद पाकिस्तानी सेना व न्यायपालिका के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। इसी बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार देश की स्थिरता सुनिश्चित करेगी और इसे बेपटरी नहीं होने देगी। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय में अपने कानूनी सहयोगी डॉ. बाबर अवान के साथ एक बैठक के दौरान खान ने कहा कि राष्ट्र के संस्थानों को मजबूत करना सरकार का कर्तव्य है।

    अदालत के इस फैसले को सेना के साथ ही सरकार ने भी गलत ठहराया है और वह मुशर्रफ के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं। उन्होंने पेशावर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है, जिन्होंने इस मामले में फैसला सुनाया था। सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का भी फैसला किया है।

    बैठक से जुड़े एक सूत्र ने डॉन न्यूज को बताया कि बाबर अवान ने न्यायाधीश सेठ के खिलाफ सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल (एसजेसी) व सुप्रीम कोर्ट में उनके फैसले के खिलाफ अपील के प्रमुख कानूनी पहलुओं के बारे में प्रधानमंत्री खान के साथ चर्चा की है।

    इस बीच सूचना मामलों में प्रधानमंत्री की विशेष सहायक डॉ. फिरदौस आशिक अवान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय संस्थानों के बीच सामंजस्य बनाए रखना समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खान के नेतृत्व में देश पाकिस्तान के उज्जवल भविष्य के खिलाफ साजिश करने वाले तत्वों को पराजित करेगा।

    उन्होंने कहा, “संस्थानों को एक दूसरे के खिलाफ करने और सेना का आत्मविश्वास गिराने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार हालांकि एसजेसी में मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ एक शिकायत दाखिल करके अपनी जिम्मेदारी पूरी करने जा रही है। अगर आप बाउंड्री पार करके छक्के मारते हैं, तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

    विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट कर चेतावनी दी है कि अगर सेना विभाजित या कमजोर हुई तो देश को अराजकता से बचाना संभव नहीं होगा।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *