पाकिस्तान के विदेश विभाग ने सूचना दी है कि प्रधानमंत्री इमरान खान सऊदी अरब के हाई प्रोफाइल निवेश सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। विदेश विभाग ने कहा कि इमरान खान सऊदी के बादशाह सलमान के विशेष आमंत्रण पर 23 अक्टूबर को रियाद जाएंगे।
रियाद में तीन दिन का फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव या रेगिस्तान का दावोस सम्मेलन आयोजित होगा।
पाकिस्तानी वेबसाइट डौन के मुताबिक पीएम इमरान खान सम्मेलन के पहले दिन पाकिस्तान की आर्थिक परियोजनाओं के लिए शिरकत करेंगे। इस आयोजन में इमरान खान पाकिस्तान के अगले पांच वर्षों में होने वाले विकास के बाबत बताएंगे।
विदेश विभाग ने कहा कि पीएम खान का सम्मेलन में शरीक होने सऊदी के साथ घनिष्ठ मित्रता को दर्शाता है। साथ ही उभरते हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में पाकिस्तान के प्रयासों को दिखाता है।
इससे पहले अमेरिका के सचिव स्टीवन मनचिन ने सऊदी अरब के सम्मेलन में शरीक होने के लिए इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा की डोनाल्ड ट्रम्प और माइक पोम्पेओ से मुलाकात कर व्यापार एवं निवेश सम्मेलन में शरीक न होने का निर्णय लिया।
तुर्की में स्थित सऊदी अरब के दूतावास से 60 वर्षीय पत्रकार जमाल खस्सोगी के लापता होने की वजह से अमेरिका सऊदी से नाराज़ है। पत्रकार जमाल खस्सोगी सऊदी अरब के प्रिंस सलमान के आलोचक थे। वह 2 अक्टूबर से दूतावास के गायब है। पत्रकार को अपनी हत्या का भय था।
ब्रिटेन के व्यापार मंत्री लियाम फॉक्स, फ्रांस के वित्त मंत्री और डच के वित्त मंत्री ने इस सम्मलेन में शरीक न होने का निर्णय लिया है।
इस सम्मेलन का मकसद सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की तेल पर से निर्भरता कम करना है।
अमेरिका के शीर्ष निवेशक कंपनी ब्लैकरॉक एंड ब्लैकस्टोन ने सम्मेलन से दूरी बना ली है साथ ही गूगल, फोर्ड, मास्टरकार्ड के निदेशक भी इसमें हिस्सा नहीं लेंगे।
पाकिस्तानी विदेश विभाग ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान सऊदी के प्रिंस सलमान से मुलाकात कर साझा हितों के बाबत विमर्श करेंगे।
इमरान खान ने पाकिस्तान की सत्ता पर आसीन होने के बाद सबसे पहले आधिकारिक दौर सऊदी अरब का किया था।