Wed. May 8th, 2024
    इमरान खान

    प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि “पूर्व प्रधानमंत्री नाज शरीफ के बेटों ने दो देशों से दखलंदाज़ी करने का आग्रह किया है और अपने पिता को बचाने के लिए सुलह अध्यादेश लाने का आग्रह किया था।” नवाज़ शरीफ अभी अल अज़ीज़िया भ्रष्टाचार मामले में दोषी पाए जाने के बाद कैद की सज़ा काट रहे हैं।

    विदेशों से दखल देने की मांग कर रहा शरीफ परिवार

    देशों का नाम लिए बगैर खान ने कहा कि “दोनों देशों ने यह सन्देश पंहुचा दिया लेकिन दखल देने से इंकार कर दिया था। उन्होंने मुझसे कहा कि वह दखल नहीं देंगे। एनआरओ को प्रस्तावित नहीं किया जायेगा।” राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि “इसे पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने लागू किया था जिसके तहत राजनेताओं और राजनीतिक कार्र्यकर्ताओं के खिलाफ बड़े स्तर पर मामलो को रद्द कर दिया गया था।”

    खान ने कहा कि “मुशर्रफ के कार्यकाल में दो एनआरओ लागू किये गए थे, पीएमएलएन के नेता नवाज़ शरीफ और पीपीपी के सह अध्यक्ष आसिफ अली ज़रदारी के लिए प्रस्तावित किये अध्यादेश ने देश को तबाह कर दिया और इसके बाद दोनों नेताओं ने एक दूसरे के लिए एनआरओ का इस्तेमाल किया था।”

    उन्होंने कहा कि बचने का सिर्फ एक रास्ता है, बकाया धन वापस लौटना होगा। धन की वापसी से अनुमति दे सकता है और कोई भी विदेशी मुल्क इसमें कुछ नहीं कर सकता है। शरीफ और ज़रदारी को धन वापस करना ही होगा। धन वापस लौटा दो और देश छोड़ कर चले जाओ।”

    धन लौटाओ और विदेश जाओ

    उन्होंने कहा कि “शरीफ ने विदेश में इलाज के लिए अनुमति मांगी थी और उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी लेकिन सरकार के साथ सुलह होने के बाद। धनशोधन के मामले में गिरफ्तार या आरोपी राजनेताओं को आला स्तर के जेल में नहीं रखा जायेगा। मैंने कानून मंत्रालय से कहा है कि इन हवाला आरोपियों को सामान्य जेल में भेजा जाना चाहिए। इससे सम्बंधित विधेयक जल्द ही लाया जायेगा। इन आरोपियों को मालूम होना चाहिए कि देश में सामान्य आरोपियों के साथ कैसा सुलूक किया जाता है।”

    बीते महीने इमरान खान ने कहा था कि शरीफ के लिए एनआरओ लाने के लिए विपक्ष हम पर दबाव बना रहा है ताकि वह भ्रष्टाचार के दायित्व से निजात पर सके।

    30 जून को इस्लामाबाद उच्च न्यायलय ने शरीफ की मेडिकल रिपोर्ट्स को  देखा था और स्वास्थ्य के आधार पर विदेश जाने या जमानत देने की याचिका को ख़ारिज कर दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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