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    इमरान खान

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को ऐलान किया कि वह बीते एक दशक में घोटालो के मामलो की जांच के लिए एक उच्च स्तर की समिति का गठन करेंगे। इस वक्त मुल्क आर्थिक संकट से उभरने के लिए संघर्ष कर रहा है। लगातार दूसरे दिन जनता को सम्बोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि “तफ्तीश की जाएगी कि कैसे बीते एक दशक में पाकिस्तान का कर्ज 6000 करोड़ से बढ़कर 24000 करोड़ हो गया है।”

    उन्होंने कहा कि “मैं तब सत्ता पर आया जब सभी ने जनता की कमाई को लूट लिया था।” क्रिकेट से राजनीतिक पिच पर कदम रखने वाले नेता खान ने पीएमएल-एन और पीपीपी सियासी दलों पर जानकर हमला बोला था। पाकिस्तान की सरकार ने मंगलवार को संसद में साल 2019-20 का पहला बजट पेश किया था और उसके बाद इमरान खान का राष्ट्र को यह पहला सम्बोधन था।

    इस समिति में फ़ेडरल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी, इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो और इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस, फ़ेडरल बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यू और एक्सचेंज कमीशन ऑफ़ पाकिस्तान के अधिकारी शामिल होंगे। विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए खान ने पीपीपी और पीएमएलएन पर देश को लूटने का आरोप लगाया था और कहा कि “सरकार अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए कदम उठा रही है जबकि पाकिस्तानी रुपया धड़ल्ले से लुढ़कता जा रहा है।”

    उन्होंने कहा कि “विपक्षी दल हमें रूपए की लुढ़कने के लिए कोसते हैं जबकि उन्हें देखना चाहिए कि हम अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की कोशिश में जुटे हैं। तीन राजदूत पाकिस्तान में निवेश करना चाहते थे लेकिन बाद में कर गए क्योंकि उस वक्त हमारी अर्थव्यवस्था स्थिर नहीं थी।”

    इमरान खान ने कहा कि “विपक्षी दलों ने कभी जनकल्याण को अहमियत नहीं दी थी और भ्रष्टाचार के फैलाव का कारण सिर्फ काले धन को विदेशों में भेजना है। जब हमारा रुपया गोता लगा रहा है तो उनकी संपत्ति में इजाफा हो रहा है। तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ की सरकार में विपक्षी दलों के भ्रष्टाचार एयर धनशोधन को छिपाने के लिए एक आर्डिनेंस पारित किया गया था।”

    उनकी सरकार के बजट के बाबत उन्होंने कहा कि “यह नया पाकिस्तान के नजरिये को प्रदर्शित करता है।” सोमवार को प्रधानमंत्री से आवाम से 30 जून तक अपनी संपत्ति का खुलासा करने और कर अदा करने की दरख्वास्त की थी।

    उन्होंने कहा कि “बीते 10 वर्षों में पाकिस्तान का कर्ज 6000 करोड़ से 30000 करोड़ तक पंहुच गया है। मुल्क को इस संकट के बाहर निकालने के लिए हमें तत्काल कुछ कदम उठाने की जरुरत है। मैं सभी से इस योजना में शामिल होने की दरख्वास्त करता हूँ क्योंकि अगर कर नहीं चुकाया आया तो हम अपने देश को आगे बढ़ाने में सक्षम नहीं होंगे।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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