पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के वकील भांजे हस्सान खान नियाजी की तलाश में पुलिस ने शुक्रवार को उनके घर पर छापा मारा। लाहौर स्थित पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी पर बुधवार को हुए वकीलों के हमले में नियाजी को भी शामिल बताया गया है। पुलिस उप महानिरीक्षक (जांच) ने बताया कि नियाजी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका क्योंकि वह घर पर नहीं मिले। अधिकारी ने कहा कि पुलिस नियाजी की गिरफ्तारी के लिए ‘आधुनिकतम प्रौद्योगिकी’ का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी नियाजी इस मामले में नामजद नहीं हैं लेकिन माना जा रहा है कि वह हमले में शामिल थे।
अपनी तरह की इस अभूतपूर्व घटना में वकीलों ने हमला कर अस्पताल में तोड़फोड़ की थी और वाहनों में आग लगा दी थी। इस हमले के दौरान चिकित्सकों के अस्पताल से भाग जाने के कारण तीन मरीजों की मौत हो गई। चिकित्सकों से विवाद के बाद वकीलों ने यह हमला किया था। इस मामले में अभी तक 80 वकील गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस ने कई पर आतंकवाद रोधी कानून की धाराएं लगाई गई हैं।
वकीलों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर विरोध जताने के लिए वकीलों ने शुक्रवार को पूरे पाकिस्तान में हड़ताल की हुई है।
बुधवार को अस्पताल पर हुए हमले के वीडियो में वकील हस्सान खान नियाजी को भी देखा गया जो प्रधानमंत्री इमरान खान के भांजे हैं। उनका नाम एफआईआर में नहीं होने पर काफी विवाद हुआ। इसके बाद इमरान के हवाले से बताया गया कि उन्होंने इस हमले को बर्बर बताते हुए कहा कि घटना में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो।