पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि “प्रधानमंत्री इमरान खान ने बेलआउट के पहले मसौदे को ख़ारिज कर दिया है। हालाँकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ वार्ता जारी है।” जियो टीवी के मुताबिक, वार्ता को 10 मई को खत्म किया जायेगा। साथ ही परिणाम तक पंहुचने के लिए जरुरी समयसीमा तक वार्ता जारी रहेगी।”
वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “आईएमएफ के साथ हमारी चर्चा में काफी बेहतर बातचीत हुई है। सलाह-मशविरा का दौर इस सप्ताह के अंत तक जारी रहेगा।” शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने छह से सात अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज पर आईएमएफ के नियमों और शर्तो को ख़ारिज कर दिया था।
अधिकतर शर्तों को खारिज करने के बावजूद इमरान खान शुल्क और टैरिफ में वृद्धि और शुल्क में रियायत व छूट को हटाने के लिए रज़ामंद हो गए हैं। सरकार वर्ष के दूसरे चरण में ग्राहकों के लिए बिजली और गैस की कीमतों को बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।
आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार को डॉलर के दर को नियंत्रण न करने की सलाह दी है और साथ ही ऊर्जा व अन्य क्षेत्रों से रिआयत को हटाने को कहा है। जियो न्यूज़ के मुताबिक, आईएमऍफ़ ने पाकिस्तान को रूपए को अधिक लचीला करने के लिए नियमित उतार-चढ़ाव के चक्र को खत्म करने के लिए कहा है। स्थानीय जानकारी के मुताबिक, स्थानीय मुद्रा अधिक मूल्य है।
मार्च में पाकिस्तान केंद्रीय बैंक ने अपनी आर्थिक वृद्धि में कटौती की थी। जून के आखिरी तक 12 महीने में अर्थव्यवस्था का विस्तार 3.5 फीसदी से 4 फीसद तक हुआ है। सरकार तय लक्ष्य 6.2 फीसदी से काफी पीछे थी। आईएमएफ ने साल 2019 में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की आर्थिक वृद्धि का आंकलन 2.9 फीसदी किया था जबकि अगले वर्ष यह 2.8 फीसद रहेगा।
पाकिस्तान को देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए आईएमएफ से आठ अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की जरूरत है। अगर यह समझौता लागू हो जाता है तो यह पाकिस्तान का आईएमएफ से 14 वां बेलआउट पैकेज होगा।