पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चार दिवस की यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चीन की यात्रा पर जायेंगे और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के अंतर्राष्ट्रीय मंच की चर्चा में शामिल होंगे। इस समारोह का इस्तेमाल इमरान खान अपने लिए सहयोग जुटाने के लिए करेंगे ताकि विदेशी नेता आईएमएफ से बेलआउट पैकेज दिलाने में मदद कर सके।
नेताओं को अपने पक्ष में झुकाने की होगी कोशिश
पाकिस्तान के वजीर ए आजम इस दौरान भारत के साथ हुए सैन्य संघर्ष से सम्बंधित इस्लामाबाद के मामले को रखने की भी कोशिश करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इमरान खान इस बैठक के इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली केकिआंग से भी मुलाकात कर सकते हैं।
इस सम्मेलन में 37 राष्ट्रों से सरकारों के प्रमुख और वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे और इस अवसर पर इमरान खान विदेशी नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। भारत इस समारोह का बहिष्कार कर सकता है क्योंकि सीपीईसी की परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरेगी जो भारत की सम्प्रभुता का उल्लंघन है।
चीन की वित्तीय परेशानी
चीन की बीआरआई परियोजना और बोझ दोनों का पाकिस्तान एक जीवंत उदाहरण है। वित्तीय हालातो की कमी से जूझ रहे देशों में चीन ने विशाल संरचना निवेश किया है लेकिन इस तर्क पर बीजिंग खुद पर गर्व नहीं कर सकता है। बीते महीने स्टैण्डर्ड एंड पूअर्स की रेटिंग में पाकिस्तान लुढ़का था।
चीन, सऊदी अरब और यूएई से लिए कर्ज के कारण पाकिस्तान के लिए आईएमएफ से बेलआउट लेना मुश्किल होता जा रहा है। इस मसले पर प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मतभेदों के कारण हाल ही में वित्त ममंत्री असद उमर ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
इस समारोह में इमरान खान के साथ एक प्रतिनिधि समूह भी जायेगा और वह बीआरआई की ओपनिंग सेरेमनी में भाषण भी देंगे। साथ ही बीजिंग में आयोजित पाकिस्तानी व्यापार और निवेश सम्मेलन को भी सम्बोधित करेंगे।