पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तानी आवाम से बाँध के निर्माण के लिए 14 मिलियन डॉलर चंदा जमा करने की गुज़ारिश की है। उन्होंने कहा इस चंदे की मांग राष्ट्रहित के लिए है। आंकड़ो के मुताबिक अगर यह गुज़ारिश कबूल हो जाती है तो ये इतिहास का सबसे बड़ा जन सहयोग होगा।
पाकिस्तान की आवाम ने इसे प्रधानमंत्री का जोश बताते हुए कहा कि ये रकम पानी की किल्लत झेल रहे राष्ट्र के लिए घास के ढेर में तिनके समान होगी।
नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री ने जनता में चेतावनी जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तान में पानी की संचयन क्षमता मात्र 30 दिनों के लिए बाकी है। उन्होंने कहा पाकिस्तान की पीठ पर पहले ही बहुत कर्ज लद चुके है। जिसे सरकार वापस नहीं लौटा पा रही है। उन्होंने कहा आवाम को इस बाँध को बनाना होगा और आवाम यह कर सकती हैं।
इस जन सहयोग से पहले किकस्टार अभियान के तहत मात्र 32 दिनों में 20 मिलियन डॉलर का चंदा जमा हुआ था जो 14 बिलियन डॉलर से 700 गुना कम है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेशों में रहने वाले वतनपरस्त अगर 1000 डॉलर की सहायता करेंगे तो बाँध के निर्माण के लिए धन एकत्रित हो जायेगा।
विपक्षी दलों ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के इस अनुरोध पर आलोचना की है। उन्होंने कहा जन सहयोग से 14 बिलियन डॉलर जमा करना असंभव है।
विशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्तान के पास केवल दो बाँध हैं और दशको से वहां पानी की किल्लत को लेकर आगाह किया जा रहा है। बढती आबादी के कारण साल 2025 तक पाकिस्तान पर जल संकट की तलवार लटकने लग जाएगी। पाकिस्तान की सरकार दो बाँध के निर्माण की योजना बना रही है। इसमें एक दीअमेर-बाशा बाँध है। यह बाँध एक विवादित इलाके में है इसके कारण चीन सहित कई देशों ने इस बाँध को बनाने में आर्थिक सहयोग करने से मना कर दिया।
इस्लामाबाद के दुकानदार मोहम्मद नशीम ने बताया कि इमरान खान पर भरोसा है वो आवाम की पाई-पाई का हिसाब रखेंगे। पाकिस्तान के शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश के जुलाई में जनसहयोग कोष बनाने के बाद इस मुद्दे ने सबका ध्यान आकर्षित किया।
इमरान खान ने पाकिस्तान में 300 मिलियन डॉलर जनसहयोग से कैंसर अस्पताल का निर्माण कराया था। इस जनसहयोग अभियान ने इमरान खान के राजनीति में पांव रखने की नींव रखी।