पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान के चीफ ऑफ स्टाफ शाहबाज गिल के साथ एक साक्षात्कार के बाद, पाकिस्तान के मीडिया प्रहरी ने टेलीविजन नेटवर्क ARY न्यूज़ पर “देशद्रोही” सामग्री प्रसारित करने का आरोप लगाया है।
पाकिस्तानी गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने मंगलवार को दावा किया कि गिल की टिप्पणी “लोगों को विद्रोह के लिए उकसा रही थी,” इसलिए गिल को इस बीच इस्लामाबाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक गिल को बुधवार के दिन अदालत में पेश किया जायेगा।
इमरान खान ने स्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक सलाहकार की गिरफ्तारी , गिरफ्तारी नहीं बल्कि एक “अपहरण” है। किसी भी लोकतांत्रिक देश में ये कैसे हो सकता है?
खान ने ट्विटर पर गिल के सहायक का एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें वे गिरफ्तारी की व्याख्या करते और उनके साथ किये सलूक के बारे में बता रहे है। वे अपनी गर्दन में चोट के लाल निशान दिखाते हुए नज़र आ रहे है।
This is an abduction not an arrest. Can such shameful acts take place in any democracy? Political workers treated as enemies. And all to make us accept a foreign backed government of crooks. pic.twitter.com/3NYS1BCjtf
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) August 9, 2022
सोमवार को ARY न्यूज़ पर प्रसारित हुए एक शो के भाग में गिल ने दावे से बोला कि पाकिस्तान की सरकार इमरान खान और पाकिस्तान की दुर्जेय सेना को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने में लगी हुई थी।
गिल के अनुसार, खान और उनकी पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को नियमित सेना का समर्थन प्राप्त थी, जो प्रशासन के गले की हड्डी बनी हुई थी। उन्होंने दावा किया कि पीएमएल पार्टी, जो सत्ता में है, की एक “रणनीतिक मीडिया इकाई” है जो खान के खिलाफ एक Fake News अभियान चला रही है।
सैन्य नेताओं को बदनाम करने के एक कथित ऑनलाइन अभियान को लेकर खान की पार्टी और सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बीच उनकी टिप्पणी आई। पिछले सप्ताह बाढ़ राहत कार्यों के दौरान एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से ये ऑनलाइन कैंपेन शुरू हुआ था। ARY न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, सेना के अधिकारियों को अपने वरिष्ठ अधिकारियों के “अवैध और असंवैधानिक आदेशों” का पालन नहीं करना चाहिए।
ARY न्यूज़ ने सीसीटीवी फुटेज प्रकाशित किया जिसमें दिखाया गया कि कैसे शाहबाज गिल को गिरफ्तार किया गया था। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि कैसे पुलिस अधिकारियों का एक समूह शाहबाज गिल की गाड़ी को इमरान खान चौक पर रोकता है और कैसे एक पुलिसवाला बंदूक तानकर गिल की वाहन की खिड़की के शीशे तोड़ता है। यही नहीं, ये भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कैसे पुलिस ने गिल को उनके वाहन से बाहर निकाला और घटनास्थल से चले गए।
CCTV FOOTAGE OF SHAHBAZ GILL’S ARREST SURFACES\#ARYNews #shehbazgil #PakistanKiAwazARY #RestoreARYNews https://t.co/2stOuzccB2
— ARY NEWS (@ARYNEWSOFFICIAL) August 9, 2022
गिल की टिपण्णी के बाद ARY न्यूज़ चैनल पाकिस्तान की कई जगहों से हुआ गुल
इस विवादस्पद बय्याँबाज़ी के कुछ घंटों बाद, ARY न्यूज़ चैनल को समस्याओं का सामना करना पड़ा। मीडिया वॉचडॉग द्वारा कथित रूप से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, नेटवर्क पर प्रसारित वीडियो “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक स्पष्ट और वर्तमान खतरा” है, जिसे एआरवाई के उपाध्यक्ष अम्माद यूसुफ द्वारा मंगलवार को प्रचारित किया गया था।
पाकिस्तान के मीडिया नियामक प्राधिकरण ने एआरवाई को एक नोटिस में “घृणित, देशद्रोही और दुर्भावनापूर्ण सामग्री” प्रसारित करने के लिए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। गौरबतौल, एआरवाई टीवी व्यापक रूप से खान के समर्थक और देश की शक्तिशाली सेना के साथ-साथ प्रधान मंत्री शरीफ की सरकार, जिन्होंने खान को नो-कॉन्फिडेंस मोशन के तहत हटाया था, के आलोचक है।
PEMRA bans ARY News transmission. Blames ARY “for airing objectionable, hateful, seditious, based on absolute disinformation with clear and present threat to national sec by instigating rebellion within the armed forces with malafide intent to cause rift between govt and forces” pic.twitter.com/ySRFvp8KKg
— Ammad Yousaf (@AmmadYousaf) August 8, 2022
ARY न्यूज़ ने एक स्पष्टीकरण देते हुए कहा : बयान के अनुसार, एआरवाई प्रशासन ने इसके प्रसारण के निलंबन की निंदा करते हुए कहा है कि नेटवर्क को संघीय सरकार द्वारा पीड़ित किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि शाहबाज गिल का बयान उनकी निजी राय थी और इसका चैनल की नीति से कोई लेना-देना नहीं था।
यूसुफ ने एआरवाई का प्रसारण बंद करने के फैसले की आलोचना की और इसे “अवैध और हास्यास्पद” बताते हुए इसे अदालत में चुनौती देने की कसम खाई है।
मंगलवार को, देश के कई क्षेत्रों में ARY news अनुपलब्ध था, जबकि एएफपी समाचार एजेंसी के मुताबिक ख़ैबर पख्तूनख्वा के पाकिस्तानी प्रांत, जिसे खान का गढ़ माना जाता है, में दर्शक अभी भी इसे एक्सेस कर सकते हैं।